:- चक्रवात प्रभावित ज़िलों में 709 गर्भवती महिलाओं ने दिया बच्चों को जन्म
:- अमरेली ज़िले में ‘108’ एम्बुलेंस में 2 गर्भवती महिलाओं की सफल प्रसूति
:- प्रभावित ज़िलों में 1152 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया
गुजरात/नई दिल्ली :- ‘बिपरजॉय’ चक्रवात की आपदा के बीच गुजरात के सैकड़ों घरों में आनंद की किलकारियां गूंजी हैं। सूबे की सरकार द्वारा की गई पुख्ता तैयारियों के बीच प्रदेश की 709 प्रसूति महिलाओं का सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित किया गया।
राज्य सरकार की सतर्कता के कारण चक्रवात के इस संकट में एक भी गर्भवती महिला प्रभावित नहीं हुई। संभावित मौत के तांडव के बीच जन्मे इन 709 नवजात शिशुओं में से 2 शिशुओं ने राज्य सरकार की ‘108’ एम्बुलेंस में जन्म लिया।
राज्य सरकार का ‘ज़ीरो कैज़ुल्टी’ ध्येय गर्भवती महिलाओं के लिए बना वरदान
मुख्यमंत्री श्री भूपेन्द्र पटेल द्वारा चक्रवात संकट को लेकर व्यक्त किया गया ‘ज़ीरो कैज़ुअल्टी’ का संकल्प जहाँ तटवर्ती ज़िलों के हज़ारों लोगों के लिए वरदान सिद्ध हुआ, वहीं गर्भवती महिलाओं और उनकी गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए भी जीवनदान सिद्ध हुआ।
राज्य सरकार के सभी विभागों की भाँति स्वास्थ्य प्रशासन ने भी चक्रवात के कारण उत्पन्न होने वाली परिस्थितियों से निपटने के लिए व्यापक प्रबंध किए थे, जिसके अंतर्गत प्रशासन ने ‘108’ एम्बुलेंस को बड़ी संख्या में लगाया था। इसी के चलते प्रशासन ने संभावित चक्रवात प्रभावित ज़िलों में रहने वाली 1171 में से 1152 गर्भवती महिलाओं को चक्रवात की भयावहता से पहले ही सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर दिया था।
अमरेली ज़िले में ‘108’ एम्बुलेंस में 2 गर्भवती महिलाओं की सफल प्रसूति
राज्य सरकार और प्रशासन के इन प्रयासों को उस समय चार चांद लग गए, जब अमरेली ज़िले में चक्रवाती तूफ़ान, तेज़ आंधी और भारी वर्षा के बीच दो गर्भवती महिलाओं की प्रसूति ‘108’ एम्बुलेंस में सुरक्षित ढंग से कराई गई।
गुरुवार को जब पूरा गुजरात ‘बिपरजॉय’ चक्रवात के गुजरात तट से टकराने की उल्टी गिनती गिन रहा था, तटवर्ती ज़िलों में कुदरत ने तूफ़ानी रूप धारण किया हुआ था और हर ओर मृत्यु का भय मंडरा रहा था; तभी अमरेली ज़िले के जाफ़राबाद में ‘108’ एम्बुलेंस को देर रात 2 बज कर 7 मिनट पर वांढ गाँव से एक कॉल आई और ठीक 13 मिनट बाद यानी 2 बज कर 20 मिनट पर राजूला ‘108’ एम्बुलेंस को भयादर गाँव से एक कॉल आई। ये कॉल्स प्रसव पीड़ा से कराह रही गर्भवती महिलाओं के परिजनों ने किए थे।
जाफ़राबाद ‘108’ की टीम ने तत्काल वांढ गाँव पहुँच कर गर्भवती महिला को तुरंत अस्पताल पहुँचाने की कार्यवाही शुरू की। जाफ़राबाद ‘108’ के ईएमटी श्री अशोकभाई मकवाणा तथा पायलट अजित मलेक इस महिला को प्राथमिक जाँच करने के बाद एम्बुलेंस में शिफ़्ट कर राजूला स्थित स्वास्थ्य केन्द्र ले जाने के लिए रवाना हुए, लेकिन एम्बुलेंस अस्पताल पहुँचती, उससे पहले ही जाफ़राबाद-राजूला रोड के पास स्थित चार नाला चौकड़ी के निकट महिला की प्रसव पीड़ा तीव्र हो गई। इसके चलते एम्बुलेंस के ईएमटी व स्वास्थ्य कर्मचारियों ने ‘108’ में ही महिला की प्रसूति कराई। बाद में महिला को आगे के उपचार के लिए अस्पताल पहुँचा दिया गया। इस प्रकार भारी वर्षा और आंधी के बीच तूफ़ानी कुदरत की गोद में एक नए जीव ने धरती पर सुरक्षित जन्म लिया।
इसी प्रकार राजूला के भयादर गाँव की गर्भवती महिला को भी तत्काल अस्पताल ले जाने की ज़रूरत थी। इसलिए ‘108’ के ईएमटी श्री लालजीभाई वेगड तथा पायलट किशभाई जोशी महिला को एम्बुलेंस में शिफ़्ट कर अस्पताल के लिए रवाना हुए, परंतु भयादर गाँव की सीमा में ही महिला की प्रसूति करानी पड़ी और विनाशलीला के बीच सृजनलीला हुई। इस महिला की भी सुरक्षित प्रसूति हुई। बाद में उसे आगे के उपचार के लिए अस्पताल भेज दिया गया।
चक्रवात प्रभावित ज़िलों में 709 गर्भवती महिलाओं ने दिया बच्चों को जन्म
गुजरात सरकार ने चक्रवात प्रभावित ज़िलों में पहले से ही गर्भवती महिलाओं की परिचय सूची तैयार कर ली थी। इसके बाद चक्रवात से पहले ही इन महिलाओं के एम्बुलेंस के माध्यम से अस्पाल या सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया था। प्रशासन ने जिन 1152 गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया था, उनमें कच्छ की सर्वाधिक 552, राजकोट की 176, देवभूमि द्वारका की 135, गीर सोमनाथ की 94, जामनगर की 62, जूनागढ की 58, पोरबंदर की 33, राजकोट महानगर पालिका क्षेत्र की 26, जूनागढ मनपा क्षेत्र की 8, मोरबी तथा जामनगर मनपा क्षेत्र की 4-4 गर्भवती महिलाएँ शामिल हैं।
राज्य सरकार, स्वास्थ्य तथा सम्बद्ध ज़िला प्रशासन की व्यापक सुरक्षा तैयारियों के चलते इन 1152 गर्भवती महिलाओं में से 709 महिलाओं के घरों में आंधी के बीच भी दीप जले। अमरेली ज़िले की 2 महिलाओं की प्रसूति जहाँ ‘108’ एम्बुलेंस में हुई, वहीं शेष 707 महिलाओं ने अस्पतालों में बच्चों को जन्म दिया। इनमें कच्छ की 348, राजकोट की 100, देवभूमि द्वारका की 93, सोमनाथ की 69, पोरबंदर की 30, जूनागढ की 25, जामनगर की 17, राजकोट मनपा की 12, जूनागढ मनपा की 8, जामनगर मनपा की 4 महिलाएँ और मोरबी की 1 महिला शामिल है।