✍🏻 योगेश राणा
नोएडा :- देश की सर्वोच्च अदालत की वह लाइन आज भी नोएडा वासियों के दिल और दिमाग में है जब भारत देश की सर्वोच्च अदालत ने नोएडा विकास प्राधिकरण (New Okhla Industrial Development Authority) के लिए कहा था कि नोएडा विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली से भ्रष्टाचार टपकता है। इन्हीं भ्रष्ट अफसरों के कारण साफ सुथरी छवि वाली योगी सरकार को अदालत में शर्मिंदा होना पड़ा था।इन भ्रष्ट अफसरों की कार्य गुजरी किसी से छिपी नहीं है। यही वजह है कि नोएडा विकास प्राधिकरण भ्रष्टाचार के मामले मे हमेशा सुर्खियों में बना रहता है।इस बार फिर अपने भ्रष्टाचार की वजह से चर्चाओं में आ गया है। एक लोकप्रिय कहावत है “अंधा बांटे रेवड़ी सिर्फ अपने-अपने को दे”वहीं प्राधिकरण के अफसर परिवार के लोगों को प्राधिकरण में नौकरी नाम की राबड़ी बांटते हुए सुर्खियों में आ गए हैं और अब अगर परिवार के लोग हैं तो नियम,कानून,कायदे परिवार के लोगों के लिए कहां मायने रखते हैं। एक कहावत है कि “सैया भय कोतवाल तो डर काहे को”वहीं कहावत यहां चरितार्थ होती दिखाई नजर आ रही है इस लिए तो यांत्रिक एवं विद्युत विभाग के जेई अपने घरों के बच्चों को पीछे के दरवाजे से प्राधिकरण में नौकरियां दिला रहे थे.वह तो भला हो भाजपा के महानगर अध्यक्ष मनोज गुप्ता का जिन्होंने इस मामले की शिकायत सही समय पर नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी से कर दी और इन अफसरों का राज खुल गया।
नौकरी वाली रबड़ी आखिर किस ने चक्की यह भी जान लीजिए!
नोएडा प्राधिकरण के ईएंडएम-3 में (पहले रिश्तेदार-1)तुषार देशवाल की तैनाती हुई है। जिनकी शैक्षिक योग्यता शून्य है। वर्तमान में ईएंडएम में तैनात जेई अजय देशवाल का भतीजा है। परिजनों के लिए अफसरों ने योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया। पहले पिछे के दरवाजे से वर्क सर्किल-1 के माध्यम से संविदा तैनाती की फाइल भिजवाई गई। लेकिन सीईओ की आपत्ति के बाद उसे ईएंडएम में किसी अन्य कर्मचारी की जगह तैनाती दे दी गई। इंट्रीग्रेटेड सिक्योरिटी ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम में (दूसरा रिश्तेदार-2) रूप सैनी को मोटा पैसा लेकर भर्ती किया गया है। इसके पास जो डिग्री है, वह कंप्यूटर साइंस की है। ईएंडएम-2 में (तीसरा रिश्तेदार-3)तरुण चौधरी को संविदा जेई की तैनाती दी गई है। जो वर्तमान में जल खंड में तैनात जेई मदनपाल चौधरी का बेटा है। ईएंडएम-1 में (चौथा रिश्तेदार-4) राय प्रताप सिंह को संविदा पर लगाया गया है, जो प्राधिकरण में तैनात जेई अनेक सिंह का रिश्तेदार है।
सीईओ ने दिए जांच के आदेश :
नोएडा प्राधिकरण के सीईओ ने इन नियुक्तियों को संज्ञान में लेते हुए एक बैठक की और इन चारों जेई को हटाने से पहले मामले की संपूर्ण जांच के आदेश दिए हैं। यह घटना न केवल प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है, बल्कि भ्रष्ट अफसरों की करतूतों को भी उजागर करती है।नोएडा प्राधिकरण में हो रहे इस भ्रष्टाचार के कारण योगी सरकार की साफ-सुथरी छवि को भी ठेस पहुंची है। अब देखना यह है कि जांच के बाद इन अफसरों पर क्या कार्रवाई होती है और भ्रष्टाचार पर कब लगाम लगेगी।