9053 करोड़ से होगा दिल्ली एम्स का कायाकल्प

बढ़ाए जाएंगे आईसीयू बेड, हेलीपैड की भी होगी सुविधा

नई दिल्ली:- अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में आईसीयू बेड की संख्या बड़ी संख्या में बढ़ने वाली है। दरअसल दिल्ली एम्स मास्टर प्लान के तहत 9053 करोड़ रुपए की लागत से एम्स का कायाकल्प होना है। सितंबर 2022 में ही पर्यावरण विभाग ने इसकी स्वीकृति दे दी थी। बहुत जल्द ताजा प्लान पर काम शुरू होने वाला है। जिसके तहत एम्स में 3000 बेड बढ़ाए जाएंगे। 50 नए आपरेशन थियेटर बनेंगे। मरीजों के इलाज के लिए 7 क्लीनिकल टावर बनेंगे। इमरजेंसी ब्लाक के पास एंबुलेंस के लिए विशेष कारिडोर बनेगा। कॉरिडोर रेड जोन से जुड़ा होगा। ताकि एंबुलेंस आसानी से रेड जोन के पास पहुंच सकें। मास्टर प्लान के तहत एम्स में हैलीपैड बनाने की भी योजना है। यानी हैलीपैड तैयार होने के बाद दूसरे राज्यों से लोग सीधे हैलीकॉप्टर से भी एम्स कैंपस में उपचार के लिए पहुंच पाएंगे। मिली जानकारी के अनुसार एम्स निदेशक एम श्रीनिवास ने 28 फरवरी तक प्रशासनिक अधिकारियों को इस मामले में प्रस्ताव तैयार करने का निर्देश दिया है। ताजा प्लान के मुताबिक एम्स में आईसीयू और एचडीयू बिस्तरों की संख्या जरूरत के हिसाब से 10 प्रतिशत कम है। एम्स मास्टर प्लान पर अमल के बाद यह संख्या बढ़कर 30 प्रतिशत से ज्यादा हो सकती है। इतना ही नहीं, मरीजों को आईसीयू व एचडीयू बेड उपलब्ध करवाने के लिए मौजूदा वार्ड बेड को बदला जा सकता है। बताया जा रहा है कि यह पहल एम्स में क्रिटिकल केयर क्षमता को बढ़ाने में मददगार साबित होगा। फिलहाल, एम्स निदेशक डॉक्टर एम श्रीनिवास ने आदेश दिया है कि सभी विभाग अपने वार्डों के भीतर छोटा आईसीयू और एचडीयू वार्ड बनाएंगे। जरूरत के हिसाब से टास्क शिफ्टिंग और टास्क शेयरिंग सिस्टम को लागू कर मौजूदा मानव संसाधनों का कुशलतम  उपयोग किया जाएगा। ऐसा करने से क्रिटिकल केयर में प्रशिक्षित मानव संसाधनों के पूल का विस्तार करने में भी मदद मिलेगी। इस योजना से युवाओं के लिए रोजगार सृजन के अवसर भी बढ़ेंगे। चालू वित्तीय वर्ष यानी 2023-24 के लिए विभाग के बजट में इसे प्रोजेक्ट करके आवश्यकता के अनुसार मौजूदा चिकित्सा उपकरणों का अधिकतम उपयोग और नए चिकित्सा उपकरणों की खरीद की जाएगी।