ईवी नीति के दो वर्ष पूरे होने पर बोले परिवहन मंत्री,बताया आई 3 मॉडल का राज
नई दिल्ली:- दिल्ली सरकार की ₹ इलेक्ट्रिक वाहन नीति ने इस महीने लॉन्च के दो साल पूरे कर लिए हैं। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली को भारत की ईवी राजधानी के रूप में स्थापित करने और ईवी वाहनों की खरीद में तेजी लाने के मिशन के साथ 7 अगस्त 2020 को दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति शुरू की थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने फरवरी 2021 में दिल्ली को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने में इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर जागरूक करने के लिए स्विच दिल्ली अभियान भी शुरू किया था।
इस नीति के बाद से दिल्ली में ई गाड़ियों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। नीति के कार्यान्वयन से पहले, दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन बाजार मुख्यतः ई-रिक्शा पर निर्भर था, जिसने दिल्ली में कुल ईवी बिक्री का लगभग 85 फीसदी योगदान दिया। ई-रिक्शा में लोगों की दिलचस्पी ईंधन पर कम खर्च और ज्यादा मुनाफे के कारण थी। शहर में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दिल्ली सरकार शून्य-उत्सर्जन ईंधन वाले अधिक से अधिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। चूंकि दिल्ली में दो तिहाई पंजीकृत नए वाहन 2 डब्ल्यू श्रेणी के हैं, इसलिए नीति का फोकस दो पहिया और वाणिज्यिक तिपहिया श्रेणी को इलेक्ट्रिक में बदलने पर था।
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने दिल्ली ईवी नीति की सफलता का श्रेय आई3 मॉडल अर्थात इंसेंटिवाइज़ेशन, इनोवेशन और इनक्लूजन को दिया। गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में, हम दिल्ली को दुनिया की ईवी कैपिटल बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। एक तरफ जहां इलेक्ट्रिक वाहनों से दिल्ली में प्रदूषण कम होगा, वहीं दूसरी तरफ इससे रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं। ईवी निती के अंतर्गत हम महिलाओं को काफी बढ़ावा दे रहे हैं,जिससे दिल्ली की सड़कों पर महिलाओं को निजी और सार्वजनिक ई वाहनों के ड्राइवर के रूप में आप देख सकते हैं।
इंसेंटिवाइज़ेशन:
आज की तारीख में, केजरीवाल सरकार द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री के लिए लगभग 100 करोड़ की सब्सिडी प्रदान की गई है जो भारत में किसी भी राज्य द्वारा दी जाने वाली सबसे अधिक सब्सिडी है। इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग पैदा करने और उपभोक्ताओं द्वारा वाहनों की खरीद को बढ़ावा देने के लिए इस ईवी नीति में विभिन्न वर्गों के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए खरीद सब्सिडी प्रदान की गई। इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने सभी बैटरी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क माफ कर दिया, जिससे वे और भी किफायती हो गए। नतीजतन, दिल्ली ईवी नीति की शुरुआत के बाद से पिछले 2 वर्षों में 62,483 इलेक्ट्रिक वाहन बेचे गए हैं। दिल्ली में बड़ी संख्या में इलेक्ट्रिक वाहनों के चलने के कारन चार्जिंग पॉइंट ऑपरेटर (CPO) भी प्रोत्साहित हुए हैं। उन्होंने 2 हजार से अधिक चार्जिंग पॉइंट और बैटरी स्वैपिंग स्टेशन पूरी दिल्ली में लगाए हैं। जिससे ई वाहन उपयोगकर्ताओं को अपने ई वाहनों को चार्ज करने में अब कोई परेशानी नहीं है।
इनोवेशन:
दिल्ली ईवी नीति राज्य में इलेक्ट्रिक वाहन खरीदने वाले नागरिकों की सुविधा सुनिश्चित करने पर केंद्रित है। दिल्ली सरकार ने फरवरी 2021 में दिल्ली ट्रांसको लिमिटेड (डीटीएल) के साथ दिल्ली भर में 100 साइटों पर चार्जिंग स्टेशन के लिए एक निविदा जारी की थी। इसके द्वारा पूरी दिल्ली में लगभग 900 चार्जिंग पॉइंट और 100 से अधिक बैटरी स्वैपिंग स्टेशनों को जोड़ने में मदद मिलेगी। इन चार्जिंग स्टेशन पर कोई भी अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को 2 रुपये प्रति यूनिट से कम पर दर पर चार्ज कर सकता है, जो की देश में सबसे कम दर है। ईवी चार्जिंग को किफायती बनाने के लिए, दिल्ली सरकार ने पहले ही केवल 4.5 रुपये प्रति यूनिट की दर फिक्स की थी, जो की देश में सबसे कम ईवी टैरिफ है। इलेक्ट्रिक वाहनों से जुडी विभिन्न सेवाओं तक आम लोगों की पहुंच को आसान बनाने के लिए तकनीक-आधारित समाधानों को सक्षम करना महत्वपूर्ण था। दिल्ली सरकार ने 10 से अधिक पैनल वाले विक्रेताओं के माध्यम से डिस्कॉम के ऑनलाइन पोर्टल से ईवी चार्जर की खरीद को आसान बनाने के लिए नवंबर 2021 में सिंगल विंडो सुविधा शुरू की। दिल्ली सरकार ने इलेक्ट्रिक ऑटो की खरीद और 5 फीसदी ब्याज सबवेंशन का लाभ उठाने के लिए कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड (सीईएसएल) के साथ एक ऑनलाइन पोर्टल भी बनाया। दिल्ली मई 2022 में, भारत में ई-साइकिलों को प्रोत्साहन देने वाला पहला राज्य बन गया।
इनक्लूजन:
किसी भी नीति को सफल बनाने के लिए, यह महत्वपूर्ण है कि सभी संबंधित स्टेकहोल्डर्स से परामर्श किया जाए और नीति तैयार करने से पहले विशेषज्ञों की राय को लागू किया जाए। दिल्ली सरकार ने नीति के प्रारूप के लिए सभी हितधारकों के विचारों और सुझावों को शामिल करना सुनिश्चित किया। निजी क्षेत्र में वाहनों के लिए प्रोत्साहन प्रदान करने के अलावा, दिल्ली सरकार ने अपने परिवहन बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों की खरीद को भी प्राथमिकता दी है। 150 इलेक्ट्रिक बसें पहले से ही दिल्ली की सड़कों पर चल रही हैं। राज्य में 2023 के अंत तक लगभग 2000 इलेक्ट्रिक बसें दिखाई देंगी, जो देश में सबसे ज्यादा होंगी। 55 बस डिपो का विद्युतीकरण प्रगति पर हैय 3 पहले से ही विद्युतीकृत हैं। 17 बस डिपो जून 2023 तक और 35 बस डिपो दिसंबर 2023 तक विद्युतीकृत किए जाने हैं। इसके अलावा, नीति में महिलाओं को भी शामिल किया गया है। दिल्ली सरकार ने हाल ही में इलेक्ट्रिक ऑटो के लिए 4261 परमिट जारी किए, उनमें 33 फीसदी परमिट विशेष रूप से महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए। दिल्ली ईवी नीति का मिशन इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत 2024 तक सभी नए वाहन पंजीकरण में 25 फीसदी ईवी हों, ऐसा लक्ष्य रखा गया है। दिल्ली इस लक्ष्य की प्राप्ति की ओर तेज़ी से बढ़ रहा है। दिल्ली में मार्च 2022 में ईवी बिक्री का योगदान 12.5 फीसदी था।