गौतमबुद्ध नगर: डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री पर डीएम का बड़ा फैसला, हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी


नोएडा :- गौतमबुद्ध नगर से एक बड़ी खबर सामने आई है। जिले के डूब और खादर क्षेत्र में रजिस्ट्री के मुद्दे पर जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने निर्णय लिया है कि वे हाईकोर्ट के हालिया आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे। इसके लिए जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश शासन को प्रस्ताव भेज दिया है, और जैसे ही मंजूरी मिलेगी, डीएम सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) दायर करेंगे।

मामला क्या है ?

हाल ही में हाईकोर्ट ने यमुना और हिंडन के खादर क्षेत्र में रुकी हुई रजिस्ट्री को फिर से शुरू करने का आदेश दिया था। इस आदेश के बाद जिला प्रशासन का निर्णय, जिसमें डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री पर रोक लगाई गई थी, निरस्त हो गया। अब डूब क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों के लिए भूखंडों की रजिस्ट्री धड़ल्ले से हो रही है, जिससे भूमाफिया को सीधा लाभ मिल रहा है।

डूब क्षेत्र में बढ़ते रजिस्ट्री के मामले

गौतमबुद्ध नगर में भूमाफियाओं ने वर्षों से डूब क्षेत्र में हजारों अवैध प्लॉट काट दिए हैं। जबकि 2020 में जिला प्रशासन ने डूब क्षेत्र में रजिस्ट्री पर रोक लगाई थी, हाल ही में हाईकोर्ट के आदेश ने इसे खत्म कर दिया है। अब, कृषि भूमि पर छोटे-छोटे प्लॉट काटकर रजिस्ट्री करवाई जा रही है, जिससे दलाल भी सक्रिय हो गए हैं। रजिस्ट्री दफ्तरों में लंबी लाइनें लग रही हैं, और लोग इन भूखंडों की रजिस्ट्री कराने के लिए अधीर हैं।

2020 का प्रशासनिक निर्णय

गौतमबुद्ध नगर के जिला प्रशासन ने 2020 में एक आपदा प्रबंधन कमेटी की बैठक में डूब क्षेत्र में अवैध निर्माण रोकने का फैसला लिया था। इसके अंतर्गत, सभी डूब क्षेत्र में कृषि भूमि की रजिस्ट्री पर प्रतिबंध लगाया गया था। इस निर्णय के अनुसार, किसी भी भूमि की रजिस्ट्री के लिए संबंधित प्राधिकरण से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) लेना आवश्यक था। इस प्रक्रिया में एडीएम से आवेदन करने के बाद, 30 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी जाती थी। अगर रिपोर्ट नहीं आती थी, तो आवेदन को निरस्त माना जाता था।

डीएम मनीष कुमार वर्मा ने स्पष्ट किया है कि उनकी प्राथमिकता अवैध रजिस्ट्री को रोकना है। जिला प्रशासन अब सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती देकर इस मामले में पुनर्विचार की कोशिश करेगा। अगर सुप्रीम कोर्ट में प्रशासन की बात रखी जाती है, तो इससे अवैध रजिस्ट्री पर फिर से रोक लग सकती है, जिससे डूब क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।