Heavy devastation caused by rain in Uttarakhand : उत्तराखंड में बारिश से मची भारी तबाही

दो स्थानों पर फ़टे बादल,3 की मौत ,राहत-बचाव कार्य जारी,सीएम धामी खुद मैदान में

उत्तराखंड:- रात से उत्तराखंड में हो राहज मूसलाधार बारिश ने प्रदेश के कई जिलों में तबाही का मंजर खड़ा कर दिया है। हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि नेशनल हाईवे 58 ऋषिकेश से देवप्रयाग के बीच पांच जगहों पर बाधित हो गया है। मजबूरन प्रशासन को श्रीनगर और ऋषिकेश से आने जाने वाले वाहनों को दूसरे मार्गों की तरफ डाइवर्ट करना पड़ा है। नेशनल हाईवे शुक्रवार देर रात 11 बजे से बंद है। मार्ग को लोक निर्माण विभाग खोलने की कोशिश में जुटा हुआ है। बताया जा रहा है कि उत्तराखंड के ऊपरी इलाकों में बादल फटने और मूसलाधार बरसात के कारण लक्सर में भी गंगा तटीय इलाका दर्जनों गांवों जैसे रिहायशी इलाकों और सड़के गंगा के बढ़े जलस्तर में अचानक जलमग्न हो गई जिसके बाद अलर्ट मोड में आए प्रशासन ने भी मौके पर तहसीलदार मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में SDRF और स्थानीय पुलिस बल को मौके पर रवाना राहत बचाव का कार्य जोरों पर है।

मलबे से निकाले 2 शव :

टिहरी जिले के धनौल्टी क्षेत्र के ग्वाड़ में भवन मलवे में दब गया। मलबे में 7 लोग दब गए। दो लोगों के शव बरामद किए जा चुके हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। इसके साथ ही चमोली और रुद्रप्रयाग जनपदों में हो रही बारिश के कारण अलकनंदा नदी के जलस्तर पर भी असर पड़ा है। इससे नदी के आसपास और किनारे रहने वालों लोगों को खतरा पैदा हो गया है।

ऋषिकेश और देवप्रयाग मार्ग बंद:

 नेशनल हाईवे 58 ऋषिकेश और देवप्रयाग के बीच पांच जगहों पर बंद है। मार्ग तीनधारा, रोलीधार, तोताघाटी, सोड पानी, और बछेलिखाल के समीप बंद हो गया है। इन सभी जगहों पर पहाड़ी से भारी बोल्डर आकर नेशनल हाईवे पर गिर गए हैं। इस कारण गढ़वाल की ये लाइफ लाइन बंद हो गयी है। ये हाईवे टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और चमोली जिलों को जोड़ता है। कर्णप्रयाग से यही हाईवे कुमाऊं के अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को जोड़ता है। इस कारण श्रीनगर से आने वाले वाहनों को मलेथा टिहरी चंबा होते हुए ऋषिकेश भेजा जा रहा है। टिहरी से आने वाले वाहनों को नरेंद्रनगर, चम्बा, टिहरी और मलेथा से श्रीनगर की तरफ भेजा जा रहा है। 

यमकेश्वर में फट बादल, महिला की मौत:

पौड़ी जिले में शनिवार तड़के हुई बारिश यमकेश्वर बादल फटने से यमकेश्वर तीन गांवों में जनजीवन प्रभावित हो गया है। कई गांवों में लोगों के घर जमींदोज हो गए हैं। एक महिला की मलबे में दबकर मौत हो गयी है। वहीं ग्रामीणों के कई मवेशियों के बह जाने का भी अंदेशा है। ग्राम आवई, उदयपुर मल्ला व ग्राम पम्बा वल्ला में एक एक आवासीय भवन बारिश से जमींदोज हो गये हैं। गनीमत रही कि समय रहते सभी वाशिंदे सही सलामत सुरक्षित जगह पहुंच गए। 

SDRF ने संभाला मोर्चा:

जगह जगह  रातभर से SDRF टीम युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य मे जुटी है। सेनानायक SDRF, मणिकांत मिश्रा ने बताया कि वह स्वयं,आपदा से सबसे ज़्यादा प्रभावित क्षेत्र में मालदेवता में रेस्क्यू आपरेशन की कमान संभाले हुए है। वही दूसरी और उन्होंने वाहिनी मुख्यालय के सभी अधिकारी/कर्मचारियों व SDRF कंट्रोल रूम को भी हाई अलर्ट पर रखा है और राज्य भर में गतिमान सभी रेस्क्यू आपरेशन की पल पल की जानकारी लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए जा रहे है। 

SDRF फरिश्ता बन पहुंची यहां:

1. जनपद देहरादून में ग्राम सरखेत,रायपुर में बादल फटने की सूचना पर SDRF टीम द्वारा मध्य रात्रि से ही रेस्क्यू ऑपेरशन चलाया जा रहा है। सरखेत ग्राम से 40 से अधिक लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है।  SDRF टीम का आपदा राहत बचाव कार्य अभी जारी है।

2. जनपद देहरादून,थानो -रायपुर रोड के बीच में पुल टूटने से एक व्यक्ति के फंसे होने की सूचना पर  एसडीआरएफ टीम द्वारा तत्काल  घटनास्थल पर पहुंचकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। घटनास्थल पर फंसे हुए एक वाहन में 5  व्यक्तियों को सकुशल रेस्क्यू किया गया, जिसमे एक  गर्भवती महिला को रेस्क्यू कर जॉलीग्रांट अस्पताल भिजवाया गया ।

3.जनपद पौड़ी, यम्केश्वर ब्लॉक अवी गांव मे नदी आने के कारण एक परिवार के फंसे होने की सूचना पर SDRF टीम द्वारा घटनास्थल कलिये रवाना है,मलबा आने के कारण मार्ग बाधित है।

4.  जनपद पिथौरागढ़ में  मल्लिका अर्जुन स्कूल के पास घरों में मलवा आने की सूचना पर एसडीआरएफ टीम तत्काल घटनास्थल पर पहुंची जहां  गौशाला  की दीवार टूटने से एक गाय घायल हो गयी थी व एक बकरी दब गई थी।टीम द्वारा मलबा हटाकर ,बकरी के शव को निकालकर परिजनों के सुपुर्द कर दिया।

5.  जनपद टिहरी  के गोदी कोठार गाव में एक गोशाला मे महिला के दबे होने की सूचना पर SDRF टीम घटनास्थल कलिये रवाना  है।

6. चकराता क्षेत्र में , भारी बारिश के कारण पेड़ गिरने से यातायात अवरुद्ध हो गया था। SDRF टीम द्वारा मार्ग से पेड़ इत्यादि हटाकर यातायात सुचारू किया गया ।

7. जनपद देहरादून, लालपुल  के पास जंगल गधेरा  रिसोर्ट में कुछ लोगों के  फसे होने की  सूचना पर वाहिनी मुख्यालय से hc परविंद्र धस्माना के हमराह रेस्क्यू टीम तत्काल घटनास्थल कलिये रवाना है।

8. जनपद टेहरी में शिवपुरी से 3 किलोमीटर आगे NH 58  पेड़ गिरने से अवरुद्ध होने की सूचना पर SDRF पोस्ट बयासी से  रेस्क्यू टीम घटनास्थल हेतु रवाना है।

9. जनपद उत्तरकाशी में डोडी ताल मार्ग पर एक विदेशी यात्री लापता होने की सूचना पर SDRF पोस्ट उजेली से  टीम रवाना है।

10. जनपद टिहरी गढ़वाल में घनसाली से 10 किलोमीटर दूर पिल्के में 03-04 गाय फंसी होने की सूचना पर SDRF पोस्ट घनसाली से टीम घटनास्थल  कलिये रवाना है।

11. जनपद टिहरी गढ़वाल के कुमालड़ा क्षेत्रान्तर्गत मलबा आने की सूचना पर वाहिनी मुख्यालय जॉलीग्रांट से रेस्क्यू टीम HC पंकज घिल्डियाल के हमराह तत्काल घटनास्थल कलिये रवाना हुई।

12. पशुलोक बैराज ऋषिकेश से SDRF पोस्ट ढालवाला टीम द्वारा  एक अज्ञात शव को बरामद कर जिला पुलिस के सुपुर्द किया गया।

मुख्यमंत्री धामी खुद आए मैदान में:

तबाही के मंजर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद राहत और बचाव कार्यों को देखने सड़कों और गांवों पर निकल पड़े। उन्होंने अस्पताल सड़क खेत तमाम जगहों पर जा जा कर लोगों से मुलाकात की। धामी ने शनिवार को थानो, कुमाल्डा एवं उसके आसपास के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने कमिश्नर गढ़वाल एवं जिलाधिकारी टिहरी को निर्देश दिए कि आपदा प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाएं। उनके लिए भोजन एवं अन्य आवश्यक सामग्री की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने जेसीबी से आपदा प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो मार्ग अवरुद्ध हुए हैं, लोगों को आवागमन के लिए वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था की जाए। जिन इन क्षेत्रों में पेयजल एवं विद्युत की आपूर्ति बाधित हुई है उन क्षेत्रों में विद्युत एवं पेयजल की जल्द सुचारू व्यवस्थाएं की जाय। 

थानों मार्ग पर क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवागमन को सुचारू करने के लिए शीघ्र वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित क्षेत्रों में प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीमें निरंतर राहत एवं बचाव कार्यों के साथ ही अन्य व्यवस्थाएं कर रही हैं। विधायकगण अपने क्षेत्रों में हर स्थिति पर निगरानी कर रहे हैं।  मुख्यमंत्री विधायकगणों से फोन पर वार्ता कर हर स्थिति का जायजा ले रहें हैं। सेना से भी संपर्क में हैं। अगर हेलीकॉप्टर की अवश्यकता पड़ी तो सेना से भी मदद ली जाएगी। स्टेट के हेलीकॉप्टर को भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए अलर्ट मोड पर रखा गया है।

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