दिल्ली महिला आयोग का स्वास्थ्य विभाग और दिल्ली पुलिस को नोटिस
नई दिल्ली:- दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर रेप पीड़ितों और आरोपियों के एचआईवी टेस्ट करवाए जाने की मांग की है। स्वास्थ्य विभाग को भेजे अपने नोटिस में आयोग की अध्यक्षा ने यह पता लगाने की कोशिश की है कि सभी पीड़िताओं का एचआईवी टेस्ट किया जा रहा है या नहीं। इसके लिए आयोग ने चिकित्सा परीक्षण के लिए पिछले 3 सालों में अस्पताल में लाए गए रेप की पीड़ितों की संख्या और किये गए एचआईवी परीक्षण के मामलों की संख्या की जानकारी मांगी है। आयोग ने एचआईवी परीक्षण से पहले और बाद में परामर्श के संबंध में NACO और WHO के दिशा निर्देशों के कार्यान्वयन की जानकारी मांगी हैं। इसके अलावा, आयोग ने अस्पताल द्वारा नामित उन चिकित्सा अधिकारियों की जानकारी मांगी है। जो हर मामले में जांच कर यह बताएं कि पीड़िता को संक्रमण से बचाने के लिए 28 दिन का पोस्ट एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (पीईपी) इलाज देने की आवश्यकता है या नहीं। आयोग ने पीईपी उपचार से संबंधित मानक प्रक्रिया की भी जानकारी मांगी है। आयोग का कहना है कि यदि रेपी एचआईवी पॉजिटिव है तो पीड़िता के इस वायरस से संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में सरकार को इस मामले में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। जिससे कि रेप पीड़िताओं को एचआईवी से बचाया जा सके।
दिल्ली पुलिस से भी मांगी जानकारी:
इसके अलावा आयोग की अध्यक्षा स्वाति मालीवाल ने दिल्ली पुलिस को भी एक नोटिस जारी कर पूछा है कि रेप के आरोपी सभी व्यक्तियों के एचआईवी परीक्षण किए जा रहे हैं या नहीं। आयोग ने जनवरी 2019 से दर्ज रेप के मामलों की संख्या के साथ-साथ उन मामलों की संख्या मांगी है। जिनमें आरोपी व्यक्तियों का एचआईवी परीक्षण किया गया है। साथ ही यदि रेप के आरोपी एचआईवी पॉजिटिव पाए जाने पर पुलिस द्वारा अपनाई जाने वाली प्रक्रिया का विवरण भी मांगा है।