1000 लो फ्लोर बसों की खरीद में लगा भ्रष्टाचार का आरोप
नई दिल्ली:-दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल में एक बार फिर ठन गई है। अब उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दिल्ली परिवहन निगम द्वारा 1000 लो फ्लोर बसों की खरीद में हुई कथित अनियमितता को लेकर बड़ा एक्शन लिया है। एलजी ने लो फ्लोर बसों की खरीद में हुए कथित भ्रष्टाचार की शिकायत पर प्रमुख सचिव द्वारा किए गए सीबीआई जांच के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। जानकारी के मुताबिक, आरोप है कि दिल्ली सरकार ने करीब 1000 लो-फ्लोर बसें खरीदीं जिनमें कथित भ्रष्टाचार हुआ। 16 अगस्त, 2021 को सीबीआई को बसों की खरीद में कथित भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी। गृह मंत्रालय ने सीबीआई से मामले की जांच करने का अनुरोध किया था। दिल्ली के पूर्व एलजी अनिल बैजल ने मामले को देखने के लिए तीन सदस्यीय पैनल के गठन का आदेश दिया था। दिल्ली सरकार के पूर्व अतिरिक्त सचिव गोविंद मोहन ने कहा था कि केंद्रीय जांच एजेंसी द्वारा प्रारंभिक जांच की आवश्यकता है। जनवरी 2022 में, सीबीआई ने प्रारंभिक जांच शुरू की जो अभी भी जारी है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इस मामले में अभी तक सीबीआई ने कोई शिकायत दर्ज नहीं की है।
ये है पूरा मामला:
मिली जानकारी के अनुसार जुलाई 2019 में दिल्ली सरकार ने 1,000 लो-फ्लोर बसों की खरीद की प्रक्रिया शुरु हुई। जिसके बाद बीजेपी नेता और विधायक विजेंद्र गुप्ता ने एलजी से शिकायत कर कहा कि मेंटनेंस का ठेका भी बस सप्लाई करने वाली कंपनी को ही दे दिया गया है जो गलत है। इसमें दलील दी गई है कि इस तरह बसों के सड़कों पर उतरते ही मेंटनेंस कॉन्ट्रैक्ट भी लागू हो जाएगा जबकि बसों की तीन साल की वॉरंटी होनी चाहिए। इस दौरान गड़बड़ियां आने पर मेंटनेंस के लिए एक भी पैसे नहीं देने होते हैं। विजेंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली में बसों की खरीद और उनके रखरखाव में पांच हजार करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। मामले में तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल के निर्देश पर तीन सदस्यीय समिति ने एक रिपोर्ट पेश की थी। जिसके अनुसार तीन सदस्यीय समिति ने एएमसी में प्रक्रियात्मक खामियां पाई थीं और इसे खत्म करने की सिफारिश की थी। इसी के साथ सचिवालय को जून 2022 में एक शिकायत मिली थी जिसमें दिल्ली के परिवहन मंत्री द्वारा डीटीसी बोर्ड का चेयरमैन बन जाने के मामले में नियमों के उल्लंघन और बसों की खरीद और वार्षिक रखरखाव अनुबंध के लिए बिडिंग यानी टेंडर की बोलियों में अनियमितता के साथ साथ डीआईएमटीएस की नियुक्ति जैसे आरोप लगाए गए हैं।
आप ने दिया ये जवाब:
एलजी के एक्शन के बाद दिल्ली सरकार ने उपराज्यपाल पर आरोप लगाते हुए कहा है कि दिल्ली को ज़्यादा पढ़े लिखे एलजी की ज़रूरत है, मौजूदा एलजी को पता ही नहीं वो कहां हस्ताक्षर कर रहे हैं। आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने रविवार को एक प्रेस वार्ता में दिल्ली के उपराज्यपाल लगभग रोज सुबह उठ कर अपनी ही दिल्ली सरकार के खिलाफ मीडिया में अखबारों में दे रहे हैं। ये कैसे उपराज्यपाल हैं जो रोज दिल्ली की चुनी हुई सरकार के खिलाफ निशाना साधते हैं। उन्होंने कहा कि इस मामले में एक भी बस नही खरीदी गई, एक भी पेमेंट नही की गई। इस मामले में सीबीआई जांच करवा लीजिए। हम नहीं, एलजी सीबीआई इंक्वायरी से भाग रहे हैं। आप नेता ने दावा किया कि अपने ऊपर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोपों से बचने के लिए उपराज्यपाल ऐसे काम कर रहे हैं। आप प्रवक्ता ने कहा कि अरविंद केजरीवाल तो सीना ठोक के कह रहे हैं कि कराओ इंक्वायरी , सीबीआई की , ईडी की किसी से भी करा लो। वहीं एमसीडी सीटों को कम करने पर सवाल पर भारद्वाज ने कहा कि किसी पंडित ने बताया है 250 सीट करने हैं ? तमाम बाबूओं को लगा रखा है इस प्रक्रिया में, करोड़ों खर्च कर रहे हैं, ये सब इसलिए क्योंकि बीजेपी हार रही थी, कितनी भी इज्जत बचा लो , आप सोच रहे हैं थोड़ा और वक्त मिल जाएगा तो जीत जाओगे, ऐसा नहीं है आप पहले भी हार रहे थे और ऐसा करने के बाद भी हारोगे ही।