बेंगलुरू।
एक किसान के बेटे ने जब अच्छी नौकरी की तो अपने पिता का संघर्ष याद आया। लिहाजा किसान पिता को एक विख्यात मॉल में फ़िल्म दिखाने की सोची। लेकिन उसे क्या पता था कि जिस पिता को वो अब अपने पैरों पर खड़े होने का सबूत देना चाहता था, वो सिर्फ अपने भारतीय पहनावे की वजह से दुखी होगा। मॉल कर्मियों ने उसके किसान पिता को सिर्फ इसलिए मॉल में प्रवेश नहीं करने दिया क्योंकि उसने धोती कुर्ता पहना हुआ था। इस बात की भनक जब शासन को लगी ,तो मॉल की पूरी हेकड़ी ही निकाल दी। अब मॉल पर 7 दिन तक प्रतिबंध लग चुका है।
ये है मामला:
यह घटना मंगलवार को उस समय घटित हुई जब हावेरी जिले के 70 वर्षीय फकीरप्पा अपनी पत्नी और बेटे के साथ मल्टीप्लेक्स में फिल्म देखने के लिए मॉल गए थे। फकीरप्पा ने कथित तौर पर सफेद कमीज़ और ‘पंचे’ (धोती) पहन रखी थी। मॉल के सुरक्षा कर्मचारी ने कथित तौर पर उन्हें और उनके बेटे से कहा कि उन्हें ‘पंचे’ पहनकर अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कर्मचारी से उनसे कहा कि वह “पतलून पहनकर आएं।”
बन गया चर्चा का विषय:
घटना के बाद विधानसभा अध्यक्ष यू टी खादर ने यह मुद्दा उठाया और सरकार से कार्रवाई करने को कहा। रानीबेन्नूर से कांग्रेस विधायक प्रकाश कोलीवाड ने कहा कि किसान उनके निर्वाचन क्षेत्र के तहत आने वाले गांव का निवासी है। उन्होंने कहा, “ किसान ने अपने सभी नौ बच्चों को पढ़ाया लिखाया है। उनका एक बेटा यहां बेंगलुरु में एमबीए की पढ़ाई कर रहा है और बेटा अपने पिता को मॉल दिखाने ले जाना चाहता था। किसान के पहनावे के कारण उसका अपमान किया गया और मॉल को बंद कर देना चाहिए।”
तूल पकड़ते ही हुआ एक्शन:
कर्नाटक सरकार ने बृहस्पतिवार को उस मॉल को सात दिन तक बंद करने का आदेश दिया है, जिसने एक किसान को धोती और एक सफेद कमीज़ पहने होने की वजह से कथित रूप से प्रवेश की अनुमति नहीं दी थी। किसान को मॉल में कथित रूप से प्रवेश नहीं देने की घटना की विधानसभा में सभी पार्टी के सदस्यों ने कड़ी निंदा की है। सरकार ने किसान के कथित अपमान को “गरिमा और स्वाभिमान” पर आघात बताया और कहा कि इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।