मेट्रो की सुरंगों में अब नहीं जाएगा मोबाइल नेटवर्क , डीएमआरसी ने की तैयारी

नई दिल्ली।
अब दिल्ली की अंडरग्राउंड मेट्रो के भीतर भी यात्रियों के मोबाइल का नेटवर्क आता रहेगा।
इसी कड़ी में दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने मेट्रो यात्रियों को अंडरग्राउंड मेट्रो कॉरिडोर में कॉल ड्रॉप और पुअर कनेक्टिविटी जैसी समस्याओं से निजात दिलाने के लिए अपने बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करना शुरू कर दिया है। इसके तहत 69 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन पर मोबाइल नेटवर्क और 5जी कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने पर काम किया जा रहा है।
डीएमआरसी के प्रधान कार्यकारी निदेशक अनुज दयाल के मुताबिक 29 अंडरग्राउंड स्‍टेशनों पर काम पूरा हो चुका है, जबकि बाकी 40 पर काम चल रहा है। इसके अच्छे परिणाम भी सामने आने शुरू हो गए हैं। नेटवर्क कनेक्टिविटी से जुड़ी समस्या भी अब काफी हद तक कम हो गई है। मेट्रो में मोबाइल नेटवर्क कमजोर होने के कारण कॉल ड्राप एक बड़ी समस्या बनी हुई थी। खास तौर पर अंडरग्राउंड कारिडोर पर यह समस्या अधिक होती थी।
मेट्रो नेटवर्क के एलिवेटेड कॉरिडोर्स पर करीब 240 टेलिकॉम टावर्स लगाए गए हैं। इसका लाभ केवल मेट्रो में सफर कर रहे यात्रियों को ही नहीं, बल्कि आस-पास के 250 मीटर के एरिया में मौजूद अन्य लोगों को भी हो रहा है और उन्हें अब बेहतर मोबाइल नेटवर्क कनेक्टिविटी मिल रही है।
आईबीएस सिस्टम अंडरग्राउंड एरिया में या 5G नेटवर्क की क्षमता वाली इमारतों के भीतर बेहतर नेटवर्क कनेक्टिविटी प्रदान करने में सहायता करता है। अभी 29 अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन पर आईबीएस सिस्टम लगाकर मोबाइल नेटवर्क को अपग्रेड किया जा चुका है। वहीं 40 अन्य अंडरग्राउंड स्टेशंस और उनसे जुड़ी मेट्रो टनल्स में इसे लगाने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने का काम चल रहा है।
स्मॉल सेल्स भी मेट्रो नेटवर्क और उसके आस-पास के 100 मीटर के एरिया में मोबाइल नेटवर्क की कवरेज को बढ़ाने में सहायक होते है। इन्हें खासतौर से एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन के उस हिस्से में मेट्रो पिलर्स पर लगाया गया है, जहां मेट्रो, रिज एरिया और डिफेंस एरिया के आसपास से होकर गुजरती है और जहां टावर कम होने के कारण मोबाइल नेटवर्क या सिग्नल्स की समस्या बनी रहती थी।
अनुज दयाल ने बताया कि इन प्रयासों के साथ एक तरफ कॉल ड्रॉप की समस्या खत्म हुई तो वहीं यात्री निर्बाध स्ट्रीमिंग भी कर पा रहे हैं। इसके अलावा, अब अब मेट्रो में सफर के दौरान यात्री बिना किसी परेशानी के ऑनलाइन ट्रांजेक्शंस भी कर पा रहे हैं।