Nithari kand : निठारी कांड के आरोपित सुरेंद्र कोली और मोनिंदर  पंधेर हाई कोर्ट से बरी

:- 17 वर्ष बाद भी नहीं मिला निठारी हत्याकांड के मासूमों को न्याय

नोएडा :- नोएडा को शर्मसार  करने वाले देश के बहुत चर्चित निठारी कांड मे अब 17 वर्ष बाद फैसला सुनाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपित सुरेंद्र कोली और मोनिंदर  पंधेर को बरी कर दिया है। सुरेंद्र को 12 मामलों और पंधेर को दो मामलों में बरी किया है। यहां हम आपको बता दें कि निचली अदालत में दोनों को दोषी करार देते हुए फांसी की सजा सुनाई गई थी। मगर अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश के बाद एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि 17 वर्ष पहले  29 दिसंबर, 2006 को  नोएडा की कोठी नंबर डी-5 के पीछे खोदाई में जो नर कंकाल मिले थे उन 19 मासूमों की हत्या करने वाला आखिर कौन था।

क्या था निठारी कांड?

नोएडा के निठारी गांव के पास  सेक्टर-31 स्थित कोठी नंबर D -5 का अचानक जब चर्चा में आई वह साल था 2006। इसकी   शुरुआत एक युवती की गुमशुदगी के साथ हुई। वर्ष 2006 में  ही पायल नाम की एक लड़की लापता हो गई थी। जिसको आखरी बार  निठारी की पानी की टंकी के पास देखा गया था । ये वही जगह थी, जहां लगभग बीते 2 साल के भीतर कई बच्चे लापता हुए थे, मगर हैरान कर देने वाली बात की यह थी कि पुलिस का ध्यान अभी तक इन घटनाओं पर नहीं गया था।

मगर बेटी के लापता होने के बाद पायल के पिता नंदलाल ने  मोनिंदर सिंह पंधेर पर अपहरण का आरोप लगाया, लेकिन पुलिस ने शिकायत नहीं लिखी और मामले को रफा दफा करने में लग गए । मगर पायल के पिता ने कोर्ट का सहारा लिया जिसके बाद  नंदलाल की शिकायत पर नोएडा पुलिस ने 15 दिसंबर 2006 को मोनिंदर और सुरेंद्र से  पूछताछ की ।

इस मामले में मोड़ तब आया, जब लापता पायल का मोबाइल ऑन हो गया। इसके जरिये पुलिस सुरेंद्र कोली तक पहुंची।यहां हम आपको बता दें कि निठारी में रहने वाली एक युवती को पंधेर ने नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया था। इसके बाद युवती घर नहीं लौटी। युवती के पिता ने कोतवाली सेक्टर-20 में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस हरकत में आई।  पंधेर और उसके घरेलू सहायक सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था। शक्ति से पूछताछ करने पर कोली ने पायल के साथ-साथ उन बच्चों की कहानी भी बताई, जिनकी हत्या की गई थी। सुरेंद्र और मोनिंदर से रात भर की पूछताछ के बाद अगली सुबह कोठी के पीछे खोदाई की गई और फिर बच्चों के नर कंकाल सामने आए। 11 जनवरी 2007 को सीबीआई ने पूरा केस अपने हाथ में ले लिया। जिसके बाद सीबीआई ने जांच की। हाई कोर्ट मे भी सीबीआई इस केस की पर भी कर रही थी

इन मासूम की हुई थी हत्या

रचना, रिंपा हलधर, बीना, पायल, ज्योति, हर्ष, निशा, पुष्पा विश्वास, सतेंद्र उर्फ मैक्स, दीपाली, नंदा देवी, पिंकी सरकार, दीपिका उर्फ पायल, शेख रजा खान, सोनी, अंजलि, आरती और दो अज्ञात।