अमृत महोत्सव से डिजिटल इंडिया तक कई अहम मुद्दों पर साझा किए विचार
नई दिल्ली:- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 92 वें एपिसोड में देशवासियों से कई विषयों पर सीधा संवाद किया। अपने संबोधन में पीएम मोदी ने अमृत महोत्सव, अमृत सरोवर अभियान, डिजिटल इंडिया और ग्रामीण भारत की सफलता की कहानियों का जिक्र करते हुए देशवासियों से अगले महीने शुरू हो रहे पोषण अभियान से जुड़ने की अपील की है।
2023 तक चलेगा अमृत महोत्सव:
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अमृत महोत्सव के रंग के भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी दिखाई दिए। बोत्स्वाना में रहने वाले एक स्थानीय गीतकार ने भी भारत की आजादी के 75 साल मनाने के लिए देशभक्ति के 75 गीत गाए। खास बात यह है कि यह गीत हिंदी, पंजाबी, गुजराती, बांग्ला, तमिल और कई अन्य भाषाओं में गाए गए। वहीं, उन्होंने कहा कि ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ 2023 तक चलेगा।
दूरदर्शन पर ‘स्वराज’ देखने की अपील:
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान कहा कि अभी कुछ दिन पहले ही उन्हें सूचना प्रसारण मंत्रालय के कार्यक्रम में जाने का अवसर मिला। वहां उन्होंने ‘स्वराज दूरदर्शन’ के सीरियल की स्क्रीनिंग रखी थी। यह आजादी के आंदोलन में हिस्सा लेने वाले अनसुने नायक-नायिकाओं के प्रयासों से देश की युवा पीढ़ी को परिचित करने की बेहतरीन पहल है। मोदी ने कहा कि दूरदर्शन पर हर रविवार रात 9 बजे, इसका प्रसारण होता है, जोकि 75 सप्ताह तक चलने वाला है। समय निकालकर इसे खुद भी देखें और अपने घर के बच्चों को भी दिखाएं, जिससे आजादी के जन्म के इन महानायकों के प्रति हमारे देश में एक नई जागरूकता पैदा होगी।
डिजिटल इंडिया अब गांव तक:
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में अब गांव-गांव तक डिजिटल इंडिया की वजह से सुविधाएं पहुंच रही हैं। जोरसिंग गांव में इसी महीने, स्वतंत्रता दिवस के दिन से 4जी इंटरनेट की सेवाएं शुरू हो गई हैं. जैसे, पहले कभी गांव में बिजली पहुंचने पर लोग खुश होते थे अब नए भारत में वैसी ही खुशी, 4जी पहुंचने पर होती है। गावों से ऐसे कितने ही संदेश मिलते हैं, जो इंटरनेट की वजह से आए बदलावों को मुझसे साझा करते हैं। उन्होंने कहा कि इंटरनेट ने हमारे युवा साथियों की पढ़ाई और सीखने के तरीकों को ही बदल दिया है। उन्होंने कहा कि जो सुविधाएं कभी सिर्फ बड़े शहरों में होती थी वो अब डिजिटल इंडिया के जरिए गांव-गांव में पहुंचा दी गई हैं। इंटरनेट ने युवा साथियों की पढ़ाई और सीखने के तरीकों को ही बदला है। कॉमन सर्विस सेंटर की तरह ही जेम पोर्टल पर लोगों की कामयाबी की नई-नई कहानियां देखने को मिल रही हैं। इसलिए आप मुझे गावों के डिजिटल इंटरप्रेन्योर्स के बारे में, ज्यादा-से-ज्यादा लिखकर भेजें, और उनकी सफलता की कहानियों को सोशल मीडिया पर भी जरूर साझा करें।
रिकॉर्ड समय में खूबसूरत तिरंगा तैयार हुआ:
प्रधानमंत्री ने कहा, “लोगों ने तिरंगा अभियान के लिए अलग-अलग इनोवेटिव आइडिया भी निकाले। जैसे युवा साथी कृशनील अनिल एक पजल कलाकार हैं। उन्होंने रिकॉर्ड समय में खूबसूरत तिरंगा तैयार किया और कर्नाटक के कोलार में लोगों ने 630 फीट लंबा, 205 फीट चौड़ा तिरंगा पकड़कर अनूठा दृश्य प्रस्तुत किया।”
असम के संपूर्णा प्रोजेक्ट का किया जिक्र:
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि असम के बोंगाई गांव में एक दिलचस्प परियोजना चलाई जा रही है। इसका नाम प्रोजेक्ट संपूर्णा है। इस प्रोजेक्ट का मकसद कुपोषण के खिलाफ लड़ाई है। इसके तहत आंगनवाड़ी केंद्र में स्वस्थ बच्चे की मां, किसी कुपोषित बच्चे की मां से हफ्ते में एक बार मिलती है। इस पहल के कारण एक साल में 90 फीसदी से अधिक बच्चों में कुपोषण दूर हुआ है। इसके साथ ही “कुपोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए एक झारखंड में अभियान चलाया जा रहा है। झारखंड के गिरिडीह में सांप-सीढ़ी का एक खेल तैयार किया गया है। खेल-खेल में बच्चे, अच्छी और खराब आदतों के बारे में सीखते हैं।”
मोटे अनाज का चलन बढ़ाने की सलाह;
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि आज दुनिया भर में मोटे अनाज यानी मिलेट्स का चलन बढ़ रहा है। कई लोग तो इसे सुपर फूड भी बोलते हैं। इसके अनेक लाभ हैं। कुपोषण से लड़ने में भी मोटा अनाज कारगर और लाभदायक हैं,क्योंकि ये प्रोटीन के साथ-साथ एनर्जी से भरे होते हैं। मोटे अनाज, प्राचीन काल से ही हमारे जीवन का हिस्सा रहे हैं। हमारी संस्कृति की ही तरह मोटे अनाज में भी बहुत विविधताएं पाई जाती हैं। ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी, कुट्टू ये सब मोटे अनाज का ही रूप हैं। भारत, विश्व में माइल्ट्स का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। इनकी पैदावार बहुत कम समय में तैयार हो जाती है। इसमें ज्यादा पानी की आवश्यकता भी नहीं होती है। मोटापा कम करने के साथ ही डाइबिटीज, हाईपरटेंशन और दिल की बीमारियों के खतरे को भी मोटा अनाज खाकर कम किया जा सकता है। ये पेट और लीवर की बीमारियों से बचाव में भी मददगार हैं। देश में आज माइल्ट्स को बढ़ावा देने के लिए काफी कुछ किया जा रहा है। मुझे ये देखकर काफी अच्छा लगता है कि आज कई ऐसे स्टार्टअप उभर रहे हैं, जो माइल्ट्स पर काम कर रहे हैं। इसके बने पकवान बहुत गुणकारी होते हैं। ऐसे में आप अपने घरों में बने ऐसे पकवानों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जरूर साझा करें ताकि लोग जागरूक हो सकें।’
आगामी त्योहारों का भी किया जिक्र:
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि अभी कुछ दिन बाद ही भगवान गणेश की आराधना का पर्व गणेश चतुर्थी है। गणेश चतुर्थी, यानी गणपति बप्पा के आशीर्वाद का पर्व। इससे पहले ओणम का पर्व भी शुरू हो रहा है। विशेष रूप से केरला में ओणम शांति और समृद्धि की भावना के साथ मनाया जाएगा। वहीं, 30 अगस्त को हरतालिका तीज भी है। ओडिशा में 1 सितंबर को नुआखाई का पर्व भी मनाया जाएगा। नुआखाई का मतलब ही होता है, नया खाना, यानी, ये भी, दूसरे कई पर्वों की तरह ही, हमारी, कृषि परंपरा से जुड़ा त्योहार है। साथ ही उन्होंने कई त्योहारों का जिक्र किया और सभी को याद दिलाया कि कल 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद जी की जन्मजयंती पर राष्ट्रीय खेल दिवस भी मनाया जाएगा।