Prime Minister inaugurated the path of duty, also unveiled the statue of Netaji : प्रधानमंत्री ने किया कर्तव्य पथ का उद्घाटन, नेताजी की प्रतिमा का भी किया अनावरण

नई दिल्ली:- गुरुवार शाम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का विधिवत उद्घाटन किया। इसी के साथ ‘राजपथ’ अब ‘कार्तव्य पथ’ के नाम से जाना जाएगा। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा का अनावरण किया और पीएम ने नए सेंट्रल विस्टा एवेन्यू पर प्रदर्शनी भी देखी। इस दौरान अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज के इस ऐतिहासिक कार्यक्रम पर पूरे देश की दृष्टि है। सभी देशवासी इस समय, इस कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं। मैं इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बन रहे सभी देशवासियों का हृदय से स्वागत करता हूं, अभिनंदन करता हूं। आजादी के अमृत महोत्सव में, देश को आज एक नई प्रेरणा मिली है, नई ऊर्जा मिली है। आज हम गुजरे हुए कल को छोड़कर, आने वाले कल की तस्वीर में नए रंग भर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुलामी का प्रतीक किंग्सवे यानि राजपथ, आज से इतिहास की बात हो गया है, हमेशा के लिए मिट गया है। उपनिवेशवाद के एक और प्रतीक से बाहर आने पर मैं देश के सभी लोगों को बधाई देता हूं। पिछले 8 सालों में हमने कई ऐसे फैसले लिए हैं जिन पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस की छाप थी। वे ‘अखंड भारत’ के पहले प्रधान थे जिन्होंने अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। आज इंडिया गेट के समीप हमारे राष्ट्रनायक नेताजी सुभाषचंद्र बोस की विशाल मूर्ति भी स्थापित हुई है। गुलामी के समय यहां ब्रिटिश राजसत्ता के प्रतिनिधि की प्रतिमा लगी हुई थी। आज देश ने उसी स्थान पर नेताजी की मूर्ति की स्थापना करके आधुनिक, सशक्त भारत की प्राण प्रतिष्ठा भी कर दी है। उन्होंने कहा कि सुभाषचंद्र बोस की स्वीकार्यता ऐसी थी कि, पूरा विश्व उन्हें नेता मानता था। उनमें साहस था, स्वाभिमान था। उनके पास विचार थे, विजन था। उनमें नेतृत्व की क्षमता थी, नीतियां थीं। अगर आजादी के बाद हमारा भारत सुभाष बाबू की राह पर चला होता तो आज देश कितनी ऊंचाइयों पर होता, लेकिन दुर्भाग्य से, आजादी के बाद हमारे इस महानायक को भुला दिया गया। उनके विचारों को, उनसे जुड़े प्रतीकों तक को नजरअंदाज कर दिया गया। नेताजी ने कल्पना की थी कि लाल किले पर तिरंगा फहराने की क्या अनुभूति होगी। इस अनुभूति का साक्षात्कार मैंने स्वयं किया, जब मुझे आजाद हिंद सरकार के 75 वर्ष होने पर लाल किले पर तिरंगा फहराने का सौभाग्य मिला। आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश ने अपने लिए ‘पंच प्राणों’ का विजन रखा है। इन पंच प्राणों में विकास के बड़े लक्ष्यों का संकल्प है, कर्तव्यों की प्रेरणा है। इसमें गुलामी की मानसिकता के त्याग का आहृवान है। अपनी विरासत पर गर्व का बोध है। 

श्रमजीवी होंगे गणतंत्र दिवस पर मोदी के मेहमान:

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे सैकड़ों कानूनों को बदल चुका है। भारतीय बजट, जो इतने दशकों से ब्रिटिश संसद के समय का अनुसरण कर रहा था, उसका समय और तारीख भी बदली गई है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के जरिए अब विदेशी भाषा की मजबूरी से भी देश के युवाओं को आजाद किया जा रहा है। कर्तव्य पथ केवल ईंट-पत्थरों का रास्ता भर नहीं है, ये भारत के लोकतांत्रिक अतीत और सर्वकालिक आदर्शों का जीवंत मार्ग है. वे (श्रमजीवी) जिन्होंने सेंट्रल विस्टा के पुनर्विकास के लिए यहां काम किया है, वे 26 जनवरी को मेरे विशिष्ट अतिथि होंगे।

नेताजी से जुड़े लोग हुए शामिल:

इस कार्यक्रम के दौरान कई केंद्रीय मंत्रियों समेत गणमान्य लोग भी मौजूद रहे। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा के अनावरण के मौके पर इंडियन नेशनल आर्मी से जुड़े सिपाहियों के परिवारों को आमंत्रित किया गया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस के साथ काम करने वाले आर माधवन, कर्नल ढिल्लन के परिजन आदि उपस्थित रहे। नेता जी के पीआरओ रहे सैनी साहब के बेटे सुरिंदर सैनी ने कहा कि आज सही मायने में देश आजाद हुआ है। 

पीएम की नागरिकों से अपील:

अपने सम्भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि मैं देश के हर एक नागरिक का आह्वान करता हूं, आप सभी को आमंत्रण देता हूं। आइये, इस नवनिर्मित कर्तव्यपथ को आकर देखिए। इस निर्माण में आपको भविष्य का भारत नज़र आएगा। यहां की ऊर्जा आपको हमारे विराट राष्ट्र के लिए एक नया विजन देगी, एक नया विश्वास देगी।

102 साल में बना कर्तव्यपथ:

बता दें कि 102 वर्षों में तीसरी बार इस पथ का नाम बदल गया है। ब्रिटिश शासन में इस सड़क का नाम किंग्सवे हुआ करता था। जिसका अर्थ राजाओं का रास्ता था। आजादी के बाद इसका नाम बदलकर ‘राजपथ’ कर दिया गया, जो किंग्सवे का ही हिंदी अनुवाद है। अब इसका नाम बदलकर कर्त व्यपथ कर दिया गया।

19 एकड़ में फैले हैं विहंगम दृश्य:

19 एकड़ में फैले नहर के इलाके को फिर से विकसित किया गया है। पैदल यात्रियों के लिए 16 पुल बनाए गए हैं। कृषि भवन और वाणिज्य भवन के पास वोटिंग की जा सकेगी। लोगों के टहलने के लिए 15.5 किमी का लंबा रास्ता तैयार किया गया है। इसमें रेड ग्रेनाइट लगाया गया है। पूरे क्षेत्र की सुरक्षा के लिए सीसीटीवी लगाए गए हैं। कर्तव्य पथ पर बेहतर सार्वजनिक सुविधाएं देखने को मिलेंगी। पैदल रास्ते के साथ लॉन, हरे भरे स्थान, नवीनीकृत नहरें, मार्गों के पास लगे बेहतर बोर्ड, नई सुख-सुविधाओं वाले ब्लॉक और फूड स्टॉल होंगे।  बेहतर पार्किंग स्थल, नए प्रदर्शनी पैनल भी देखने को मिलेगा।