Cough Syrup Death : उज्बेकिस्तान सरकार का आरोप नोएडा में बनी सिरप पीने से 18 बच्चों की मौत

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:- पहले भी भारत में बने 4 कफ  सिरप को ठहरा जा चुका है।

:- भारत में नहीं है इस सिरप की सप्लाई

:- इस स्लॉट को मई 2021 में सिर्फ  उज्बेकिस्तान भेजा गया था।


नोएडा :- एक बार फिर भारत की दवा कंपनी में बनी कफ सीरप जांच के घेरे में है। उज्बेकिस्तान सरकार ने आरोप लगाया है कि भारत में बना कफ सीरप की वजह से उनके देश में 18 बच्चों की मौत हुई है । बताया जा रहा है कि कफ सीरप बनाने वाली कंपनी नोएडा के सेक्टर 67 में है उज्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा है कि 18 मरने वाले बच्चों ने इंडियन कंपनी का कफ सिरप पिया था। इस मामले में एक तरफ WHO ने संज्ञान लिया है तो वहीं, दूसरी तरफ भारतीय स्वास्थ्य विभाग भी एक्शन में है।

उज्बेकिस्तान सरकार के मुताबिक क्या है बच्चों की मौत की वजह

उज्बेकिस्तान सरकार के मुताबिक कफ सिरप DOK-1 MAX में एथिलीन ग्लाइकॉल है। यह एक जहरीला पदार्थ है। इसके इस्तेमाल से उल्टी, बेहोशी, ऐंठन, किडनी फेलियर और दिल से जुड़ी समस्या हो सकती है।

इससे पहले गाम्बिया ने भी अपने यहां हुई 70 बच्चों की मौतों का जिम्मेदार भारत में बने 4 कफ  सिरप को ठहरा चुका है।

सीरप नोएडा की कंपनी मैरियन बायोटेक ने बनाया है। मामला सामने आने के बाद यूपी ड्रग कंट्रोल और सीडीएससीओ टीम ने मैरियन बायोटेक का औचक निरीक्षण किया। जिस दवा को बाहर सप्लाई किया गया था। उसका नमूना लिया है और सैंपल को सेंट्रल ड्रग्स रेग्युलेटरी भेज दिया।


     सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस दवा की देश भर में सप्लाई नहीं है। इसे एक्सपोर्ट किया गया था। इसका एक स्लॉट मई 2021 में उज्बेकिस्तान भेजा गया था। मामले में सेंट्रल ड्रग्स रेग्युलेटरी टीम से जांच के लिए कहा गया। इसके बाद असिस्टेंट कमिश्नर ड्रग्स मेरठ डिवीजन और ड्रग इंस्पेक्टर नोएडा की एक टीम को भेजा गया है। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि शुरुआती जांच में सामने आया कि इस सिरप की सप्लाई भारत में नहीं की जाती है। इस स्लॉट को मई 2021 में सिर्फ  उज्बेकिस्तान भेजा गया था। यह भी बताया गया कि वहां इस सिरप का सेवन बच्चों ने बिना डॉक्टर प्रिस्किप्शन के लिया था। इसकी ओवर डोज के चलते बच्चों की मौत हुई।

मौत के कारण की सरकार जांच करा रही है। रिपोर्ट के बाद की कारण स्पष्ट हो पाएगा। उज्बेकिस्तान की मीडिया के मुताबिक, लैब टेस्ट के दौरान इस कफ  सीरप में केमिकल इथाइलीन ग्लाइकॉल पाया गया। इसी केमिकल के पाए जाने के बाद हरियाणा की मेडेन फार्मा के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है

इसी साल WHO द्वारा चार का कफ सिरप कंपनियों को जारी किया गया था अलर्ट

डब्लूएचओ WHO ने इसी साल 5 अक्टूबर को भारत की फार्मास्यूटिकल्स कंपनी के बनाए 4 कफ सिरप को लेकर अलर्ट जारी किया था। अलर्ट गाम्बिया में 70 बच्चों की मौत गुर्दों की हालत बेहद खराब हो जाने की वजह से होने के बाद जारी किया गया। डब्लूएचओ ने कहा कि मुमकिन है कि इन सिरप के इस्तेमाल के चलते ही बच्चों की मौत हुई हो। डब्लूएचओ WHO ने कहा कि कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाईकोल और एथिलीन ग्लाईकोल की इतनी मात्रा है कि यह इंसानों के लिए जानलेवा हो सकते हैं।