:- सरस आजीविका मेले मे शुक्रवार को भारी डिस्काउंट के बाद उमड़े भीड़
नोएडा :- सैक्टर-33 ए स्तिथ नोएडा हाट में केंद्र सरकार का तीसरा सरस आजीविका मेला शुक्रवार, 17 फरवरी से प्रारंभ होकर रविवार, 05 मार्च को समापन की ओर बढ़ रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेला अब मात्र दो दिन के लिए है, जिसका विधिवत समापन रविवार को होगा। मेले के अंतिम दिनों में तीसरे दिन शुक्रवार को उत्पादों पर विशेष छूट का लाभ उठाते हुए यहां जमकर खरीदारी की गई।
सरस आजीविका मेले में ग्रामीण भारत की शिल्प कलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है।
चिरंजीलाल कटारिया ने बताया
एनआईआरडीपीआर के सहायक निदेशक चिरंजीलाल कटारिया ने बताया कि केंद्र सरकार के सरस आजीविका मेले का आयोजन प्रतिवर्ष देशभर के सभी राज्यों में किया जाता है। इसी कड़ी में नोएडा में यह तीसरा आयोजन है। जिसमें अंतिम तीन दिनों यानि शुक्रवार से रविवार तक 20 प्रतिशत का डिस्काउंट रखा गया है। उन्होंने बताया कि 05 मार्च 2023 तक चलने वाले इस उत्सव में नोएडा हाट में मौजूद क़रीब 30 राज्यों के 300 से अधिक महिला शिल्प कलाकार, जो परंपरा, हस्तकला एवं ग्रामीण संस्कृति तथा स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं, भागीदारी कर रही हैं। सरस मेले वर्ष 1999 से निरंतर आयोजित हो रहे हैं। इन मेलों के माध्यम से लाखों महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ है। यही नहीं स्थानीय स्तर पर भी मेले में इस बार हैंडलूम तथा हैंडीक्राफ्ट के उत्पाद शामिल किए गए हैं, जो लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। बच्चों के खेलकूद व मनोरंजन के लिए भी संसाधन मौजूद हैं। इंडिया फूड कोर्ट सरस आजीविका मेले में आकर्षण का केंद्र बना है।
शुक्रवार को यहां सभी राज्यों के हस्तशिल्प उत्पादों की लोगों ने जमकर खरीदारी की। मेले में इस बार उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर, तेलंगाना, त्रिपुरा, मेघालय, मिजोरम, सिक्किम, केरल, असम, नगालैंड, ओडिशा, पंजाब, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, झारखंड, लद्दाख, तमिलनाडु, अरुणाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, गोवा, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मणिपुर तथा राजस्थान समेत 30 राज्यों की हस्तशिल्प कला प्रदर्शनी का आयोजन हो रहा है, जबकि देश भर के 20 राज्यों की 80 गृहणियों के समूह ने अपने प्रदेश के प्रसिद्ध क्षेत्रीय व्यंजनों के स्टाल लगाए हैं, जिनमें हर प्रदेश के क्षेत्रीय व्यंजनों के स्वाद का अनोखा आनंद प्राप्त हो रहा है। इसके साथ ही यहां 01 मार्च से मेले के अंतिम दिन 05 मार्च तक श्री अन्न महोत्सव के तहत मोटे अनाज के स्वादिष्ट व्यंजन भी परोसे जा रहे हैं।
सरस मेले के 15वें दिन यहां कलाकारों ने लोकनृत्य की शानदार प्रस्तुति से दर्शकों का मन मोहा। इसके साथ ही अन्य सांस्कृतिक आयोजनों के माध्यम से भी लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। मेले में शुक्रवार को विभिन्न राज्यों के आकर्षक उत्पादों, खासकर हैंडलूम तथा हैंडीक्राफ्ट प्रोडक्ट्स की जमकर खरीददारी की गई। आंध्र प्रदेश की नर्रा सुनीथा के समूह विनायका के फू ड प्रोडक्ट्स की लोगों ने जमकर खरीददारी की। आंध्रा के ही के रेवाथी के हैंडीक्राफ्ट उत्पाद जैसे वुड कार्विंग लोगों की खसी पसंद बने। असम की सविता के समूह के हैंडीक्राफ्ट उत्पादों की खासी धूम रही। असम से ही पम्पी तलुकदार के मां लक्ष्मी समूह के हैंडीक्राफ्ट के बम्बू प्रोडक्ट्स की महिलाओं ने जमकर खरीददारी की। उधर बिहार के सत्तू लोगों की पसंद बने। छत्तीसगढ़ के मसाले लोगों को खूब भा रहे हैं। छत्तीसगढ़ से ही पदमावती झारा के जय बुद्धि मां समूह के हैंडीक्राफ्ट बैल मेटल ने खासी धूम मचा रखी है। इसके साथ ही विभिन्न राज्यों के महिला समूहों के द्वारा निर्मित उत्पादों की भी लोगों ने जमकर खरीददारी की। हैंडीक्राफ्ट, ज्वैलरी और होम डेकोर के प्रोडक्ट्स के रूप में आंध्र प्रदेश की पर्ल ज्वैलरी, वूडन उत्पाद, आसाम का वाटर हायजिनिथ हैंड बैग और योगामैट, बिहार से लाहकी चूड़ी, मधुबनी पेंटिंग और सिक्की क्राफ्ट्स, छत्तीसगढ़ से बेलमेटल प्रोडक्ट्स, मडमिरर वर्क और डोरी वर्क गुजरात से, हरियाणा, का टेरा कोटा, झारखंड की ट्राइबल ज्वैलरी, कर्नाटक का चन्ननपटना खिलौना मेले में उपलब्ध हैं।