2024 में 80 सीटों पर जीत का किया दावा
उत्तरप्रदेश:- उत्तर प्रदेश सरकार में पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी को यूपी बीजेपी का नया अध्यक्ष बनाया गया है। उनके पास संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है और पश्चिमी यूपी में बड़े जाट नेता के तौर पर जाने जाते हैं। प्रदेश अध्यक्ष बनते ही भूपेंद्र सिंह चौधरी ने कहा कि पार्टी और कार्यकर्ताओं की अपेक्षाओं के अनुसार काम करूंगा। भाजपा को आगे ले जाने के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि बहुत से ऐसे कार्यकर्ता थे जो मुझसे अच्छा काम कर सकते थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें मौका दिया है। नेतृत्व की अपेक्षाओं के अनुसार काम करेंगे। उन्होंने कहा कि पिछले चार चुनाव से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अपार सफलता मिली है। कार्यकर्ताओं ने मेहनत से अच्छे परिणाम दिए है। मोदी के नेतृत्व में सफलता के इस क्रम को लगातार जारी रखेंगें। उन्होंने कहा कि यूपी में बूथ स्तर तक भाजपा का संगठन खड़ा है। 2024 में सभी 80 सीटों पर पार्टी की जीत होगी।
भूपेंद्र चौधरी का सियासी सफर:
बता दें कि भूपेंद्र सिंह चौधरी का जन्म मुरादाबाद जिले के गांव महेंद्री सिकंदरपुर में हुआ था। भूपेंद्र चौधरी का जन्म साल 1966 में एक किसान परिवार में हुआ था। उनकी शुरुआती शिक्षा गांव के ही प्राथमिक स्कूल में हुई और फिर मुरादाबाद के आरएन इंटर कॉलेज से उन्होंने 12वीं पास की। वह आगे चलकर विश्व हिंदू परिषद से जुड़े और फिर 1991 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइन कर ली। इसके दो साल बाद वह बीजेपी की जिला कार्यकारिणी के सदस्य बन गए। इसके बाद 2006 में उन्हें पार्टी का क्षेत्रीय मंत्री और 2012 में पार्टी का क्षेत्रीय अध्यक्ष बनाया गया। वह 2016 में एमएलसी नामित हुए। राज्य में 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद उन्हें पंचायतीराज राज्यमंत्री बनाया गया। 1999 के लोकसभा चुनाव में उनको बीजेपी के टिकट पर संभल से चुनाव लड़ाया गया था। इस चुनाव में वह मुलायम सिंह यादव से हार गए थे। 2019 में मंत्रिमंडल फेरबदल में चौधरी को कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
भाजपा का जाटलैंड पर बड़ा दांव:
भूपेंद्र सिंह चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट वोट बैंक साधने की कोशिश की है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त करने से लोकसभा चुनाव में सपा और रालोद गठबंधन से संभावित नुकसान को कम किया जा सकेगा। वहीं, लगातार दूसरी बार पिछड़े वर्ग के नेता को प्रदेश अध्यक्ष बनाने से पश्चिम से पूर्वांचल तक ओबीसी वोट बैंक में अच्छा संदेश जाएगा। बताया जा रहा है कि यूपी में कुल चार से छह फीसदी जाट वोटर्स हैं,जिनमें
जाट वोटर्स की पश्चिमी यूपी में कुल 17 फीसदी हिस्सेदारी है। जिनका लोकसभा की 18 फीसदी सीटों पर प्रभाव है। साथ भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की तरफ से इसे पश्चिमी यूपी के किसानों से जोड़कर भी अहम फैसले के रूप में देखा जा रहा है।