✍️ योगेश राणा
:- रेप एवं एसिड तथा गैंगरेप पीड़िता को निजी व सरकारी अस्पतालों में फ्री इलाज अगर किसी ने इलाज देने से किया माना तो होगी इन धाराओं में एफआईआर!
Rape end Acid Attack victim: दिल्ली हाई कोर्ट का बड़ा फैसला। एसिड अटैक तथा रेप पीड़ितों को मिलेगा फ्री इलाज।हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई के बाद एसिड तथा रेप हमले के पीड़ितों को बड़ी राहत देते हुए कहा है कि क़ानून के मुताबिक़ हरेक अस्पताल/नर्सिंग होम की जिम्मेदारी बनती है कि वो रेप पीड़िता और एसिड हमले के शिकार को फ्री और तुंरत चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराए। हाई कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर कोई रेप या एसिड अटैक पीड़िता अस्पताल आती है तो उसका इलाज शुरू करने से पहले उसे आईकार्ड देने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। इलाज तुंरत शुरु होना चाहिए अगर पीड़ित HIV जैसी यौन संक्रमित बीमारी से ग्रसित हो तो उसका भी इलाज दिया जाना चाहिए। प्रेगनेंसी की भी जांच हो, ज़रूरी हो तो गर्भपात भी करवाया जाना चाहिए अगर अस्पताल प्रबंधन एसिड पीड़ित को इलाज देने से मन करते है तो अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ होगी कार्रवाई।
हाई कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि सभी अस्पतालों को अपने अस्पताल के बाहर यह भी लिखना होगा कि एसिड अटैक के पीड़ितों को यहां फ्री में मिलता है उपचार।
हाई कोर्ट का पुलिस विभाग को निर्देश, अगर रेप व एसिड अटैक पीड़ित को ना मिले उपचार तो पुलिस इन धाराओं में कर सकती है एफआईआर!हाई कोर्ट ने अपनी सुनवाई में साफ कहा है कि हरेक निजी/ सरकारी अस्पताल को बाकायदा ये बोर्ड लगाएकि उसके यहां रेप/ गैंगरेप/ एसिड हमले के पीड़ितो के लिए मुफ्त इलाज उपलब्ध है अगर पुलिस को लगता है कि कोई मेडिकल प्रोफेशनल, निजी या सरकारी अस्पताल रेप और एसिड हमले की शिकार पीड़ित को मुफ़्त इलाज देने से मना कर रहा है तो ये उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता के सेक्शन 200 के तहत केस दर्ज होना चाहिए। ऐसी सूरत में इलाज से मना करना दंडनीय अपराध है।