Biparjoy Cyclone : राज्यभर में तत्काल 1521 शेल्टर होम्स बनाए गए

:- 8900 से अधिक बच्चों तथा 1100 से अधिक गर्भवती महिलाओं को किया गया सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित

:- गुजरात में बिपरजॉय चक्रवात संकट के मद्देनजर 8 जिलों के 94 हजार लोगों को सुरक्षित ठिकानों पर पहुंचाया गया

:- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भी नजर

गांधीनगर/नई दिल्ली :- बिपरजॉय चक्रवात से पैदा हुए संकट के मद्देनजर आम जनता को किसी भी परेशानी से बचाने के लिए गुजरात सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है। राज्य सरकार ने चक्रवात के संभावित ख़तरे वाले क्षेत्रों में रह रहे 8 ज़िलों से अब तक कुल 94 हज़ार से अधिक लोगों का सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं ही प्रदेश में जारी तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने गुजरात को पूरा समर्थन देने का आश्वासन दिया है और बचाव और राहत उपायों की समीक्षा के लिए वरिष्ठ मंत्रियों की एक टीम भेजी है।

सूबे के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल भी लगातार हालात की समीक्षा कर रहे हैं। संभावित चक्रवात के परिणामस्वरूप राज्य में किसी भी प्रकार के जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए पूरी सतर्कता बरती जा रही है।
आपदा के इस समय में गुजरात सरकार द्वारा चक्रवात सरीखी प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए तटवर्ती क्षेत्रों में बनाए गए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 75 मल्टीपर्पज़ साइक्लोन शेल्टर्स (MPCS) प्रदेश की जनता के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।
इन 76 मल्टीपर्पज़ साइक्लोन शेल्टर्स में जूनागढ में 25, गीर सोमनाथ में 29, पोरबंदर में 4, देवभूमि द्वारका में 4, कच्छ में 5, अमरेली में 2, जामनगर में 1, नवसारी में 1, भरूच में 5 और अहमदाबाद में 1 शेल्टर बनाया गया है।
इसके अलावा मुख्यमंत्री पटेल के मार्गदर्शन में कच्छ-सौराष्ट्र क्षेत्र के इन 8 ज़िलों में 1521 शेल्टर होम्स तत्काल स्थापित किए गए हैं। इनमें जूनागढ में 196, कच्छ में 173, जामनगर में 56, पोरबंदर में 140, देवभूमि द्वारका में 182, गीर सोमनाथ में 507, मोरबी में 31 और राजकोट में 236 शेल्टर होम्स स्थापित किए गए हैं। मेडिकल टीम द्वारा इन शेल्टर होम्स की नियमित विज़िट की जा रही है और वहाँ स्थानांतरित करके लाए गए लोगों की इस टीम द्वारा उचित स्वास्थ्य जाँच की जा रही है।

राज्य में चक्रवात से संभावित रूप से प्रभावित होने वाले कच्छ में 46,823, जूनागढ में 4864, जामनगर में 9942, पोरबंदर में 4379, देवभूमि द्वारका में 10,749, गीर सोमनाथ में 1605, मोरबी में 9243 और राजकोट में 6822 नागरिकों सहित कुल 8 ज़िलों में अब तक कुल लगभग 94,427 नागरिकों का सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरण कराया गया है। इनमें 8930 बच्चे, 4697 वृद्ध और 1131 गर्भवती महिलाएँ शामिल हैं।

प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के मामले में गुजरात का डिज़ास्टर मैनेजमेंट (आपदा प्रबंधन) सदैव चुस्त दुरुस्त रहा है। गुजरात में 1600 किलोमीटर लम्बा समुद्री किनारा होने के कारण राज्य के तटवर्ती क्षेत्रों में चक्रवातों का खतरा बना रहता है।