राजस्थान की बेटियों के लिए गुड न्यूज, इन 35 जिलों में भजनलाल सरकार देगी ये सुविधाफोटो-7


श्री गंगानगर
राजस्थान में किशोरियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए अब राज्य सरकार ने 35 जिलों में उजाला क्लिनिक खोलने की हरी झंडी दे दी है। लोकसभा चुनाव आचार संहिता हटते ही इन उजाला क्लीनिक की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसमें जिला अस्पताल, उप स्वास्थ्य केंद्र, सीएचसी व पीएचसी स्तर पर संचालन हो सकेगा। क्लिनिक खोलने की मंशा किशोरियों को पोषण स्तर में सुधार, यौन एवं प्रजनन स्वास्थ्य की जानकारी, मानसिक सेहत, नशावृत्ति, गैर संक्रमण रोगों से बचाव, चोट और दुर्घटना से निपटने के गुर देना है। इसमें 10 से 19 साल के किशोरियों को समुदाय आधारित बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दी जाएगी। सीएमएचओ ने श्रीगंगानगर जिले में जिला मुख्यालय पर जिला चिकित्सालय, सूरतगढ़, करणपुर, पदमपुर, सादुलशहर और केसरीसिंहपुर का चयन किया गया है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अनुसार उजाला क्लिनिक राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम का विस्तार करते हुए राज्य के 35 जिलों के लिए स्वीकृति दी है। हर जिले में 6 क्लिनिक होंगे। इनमें एक जिला मुख्यालय और पांच सीएचसी पर खोली जानी है। निदेशालय ने इनकी सूची मांगी है। इस आधार पर श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के अलावा अजमेर, अलवर, अनूपगढ़, ब्यावर, भरतपुर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौडग़ढ़, चूरू, दौसा, डीडवाना-कुचामन, डीग, दूदू, गंगापुर सिटी, जयपुर प्रथम, जयपुर द्वितीय, झालावाड़, झुंझुनूं, जोधपुर ग्रामीण, जोधपुर शहरी, केकड़ी, खैरथल तिजारा, कोटा, कोटपूतली-बहरोड़, नागौर, नीम का थाना, पाली, फलौदी, प्रतापगढ़, सवाईमाधोपुर, शाहपुरा सीकर और टोंक जिलों में केन्द्र खोले जाने हैं।
किशोरियों से संबंधित मैगजीन, चार्ट, गेम व अन्य सामग्री, किताब उजाला कक्ष में रखनी होगी। किशोरियों से जुडी मैगजीन जैसे चंपक, चाचा चौधरी, नंदन, बालहंस आदि के माध्यम से अध्ययन के लिए फोकस किया जाएगा। सरकार का मानना है कि ऐसे क्लिनिक में किशोरियों को बौद्धिक रूप से सशक्त करना है।
उजाला क्लिनिक खोलने के लिए नामों की सूची आरसीएच को भेज दी है। जो भी कार्ययोजना मिलेगी, उसकी पालना करेंगे। इसमें मुख्य रूप से जहां अधिक रोगियों या लोगों की आवाजाही अधिक हो और संसाधन पर्याप्त हो, ऐसी जगहों को चयन किया गया है।
जहां एडोलेसेन्ट हेल्थ काउंसलर है, वहां उजाला केन्द्र का संचालन वहीं करेंगे। जरूरत पर एमओ, एएनएम, एलएचवी उपलब्ध रहेंगे। इनके नाम एव मोबाइल नंबर कक्ष के बाहर लिखना होंगे। किशोरियों के लिए पेयजल उपलब्ध हो इसके लिए अलग से बजट दिया गया।
उजाला केन्द्र का समय भी निर्धारित किया गया है। इसमें जिला अस्पताल, उप-जिला अस्पताल एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के उजाला केंन्द्र प्रतिदिन सुबह 9 से 4 बजे तक संचालित होगा। मेडिकल ऑफिसर दो बजे से चार बजे तक दो घंटे का समय उजाला केंद्र पर आने वाले किशोरियों को परामर्श देंगे। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर सप्ताह में एक बार दो घंटे मेडिकल ऑफिसर एवं एएनएम या एलएचवी की ओर से परामर्श दिया जाएगा। काउंसलर प्रति माह न्यूनतम एक बार एक पीएचसी उजाला क्लिनिक का संचालन करेंगे।