महाकुंभ-2025: आस्था, समता और एकता का महासमागम


:- महाकुंभ के पहले दिन करीब 3700 लोग अपने परिवार से बिछड़े

:- प्रयागराज में मकर संक्रांति के अवसर पर संगम में श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

Desk report :- महाकुंभ-2025 का प्रथम अमृत स्नान पर्व मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर संपन्न हुआ। प्रयागराज के पवित्र संगम में आज 3.50 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं, संतों और कल्पवासियों ने आस्था की डुबकी लगाई। त्रिवेणी संगम पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र जल में स्नान कर श्रद्धालुओं ने पुण्य लाभ अर्जित किया।

भारी भीड़ और यातायात व्यवस्था

महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण घाटों तक पहुंचने में लोगों को काफी समय लग रहा है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने का प्रयास किया है, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा है कि 500 मीटर की दूरी तय करने में 1 घंटे से अधिक समय लग रहा है।

बिछड़े लोगों को मिलाने में जुटा प्रशासन

खोया-पाया केंद्र की भूमिकामहाकुंभ में श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने परिजनों से बिछड़ गए। पहले दिन 4500 से अधिक लोग खो गए थे, जिन्हें मिलाने के लिए प्रशासन ने खोया-पाया केंद्र की व्यवस्था की। इन केंद्रों में हर समय 200-300 लोग मौजूद रहते हैं।केंद्र पर मौजूद लोग अपने परिवार से मिलने का इंतजार कर रहे हैं, और अनाउंसमेंट के जरिए उनके परिजनों को बुलाया जा रहा है। अब तक कई बिछड़े लोगों को उनके परिवार से मिलाया जा चुका है।

पहले दिन का अनुभव

महाकुंभ के पहले दिन भी करीब 3700 लोग अपने परिवार से बिछड़ गए थे। खोया-पाया केंद्र की सक्रियता से उन्हें जल्द ही उनके परिजनों से मिलवा दिया गया। इस व्यवस्था ने श्रद्धालुओं को राहत पहुंचाई है।

शासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे भीड़ में सतर्क रहें और बच्चों व बुजुर्गों का खास ख्याल रखें। मेले में आने से पहले परिवार के सदस्यों के बीच एक पहचान का निशान तय करें, जिससे वे एक-दूसरे को आसानी से पहचान सकें।

यात्रा के दौरान नियमों का पालन करें

प्रशासन ने श्रद्धालुओं को सलाह दी है कि वे प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। घाटों पर धैर्य बनाए रखें और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत नजदीकी सहायता केंद्र पर संपर्क करें।

—महाकुंभ: आस्था का संगममहाकुंभ-2025 का आयोजन आस्था, समता और एकता का प्रतीक है। देशभर से श्रद्धालु संगम में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। प्रशासन ने इस महासमागम को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं। श्रद्धालुओं से अनुरोध है कि वे प्रशासन का सहयोग करें और इस पवित्र मेले का आनंद लें।