भूपेन्द्र के नेतृत्व पर जनता की मुहर, दूसरी बार बनने जा रहे गुजरात के मुख्यमंत्री

नई दिल्ली:- गुजरात विधानसभा के चुनाव परिणामों में भारतीय जनता पार्टी को लगातार साँतवी बार की जीत ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जब सरकारें जनता की सेवा पूरे समर्पण भाव से करती हैं तो सत्ता पक्ष विरोधी लहर जैसी बातें व्यर्थ सिद्ध हो जाती हैं। श्री नरेन्द्र मोदी की 20 वर्ष की तपस्या और पिछले एक साल में भूपेन्द्र पटेल के द्वारा किए गए कार्यों को देखते हुए गुजरात की जनता ने भारतीय जनता पार्टी को लगातार सातवीं बार प्रचंड बहुमत से विजयी बनाया है।
भारतीय जनता पार्टी की सरकार के अलावा ऐसा कभी नहीं हुआ जब कोई पार्टी लगातार इतने लंबे अरसे तक किसी राज्य में सत्ता में रही हो, इसलिए गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की मिली प्रचंड जीत आधुनिक भारत के राजनीतिक इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों के लिए अंकित हो गई है।
गुजरात की जनता के द्वारा नरेन्द्र के बाद भूपेन्द्र को चुनना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है कि उन्होंने पिछले एक साल में किए अपने कार्यों से जनता का विश्वास जीत लिया है। जनता की असीम आशीर्वाद से भूपेन्द्र पटेल दूसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।
गुजरात में भारतीय जनता पार्टी की लगातार सातवीं जीत कई प्रकार के संकेत देती है। हालाँकि, यह चुनावी और राजनीतिक विश्लेषकों के लिए अध्ययन का विषय है कि आखिर वे कौन से कारण हैं कि गुजरात में भारतीय जनता पार्टी अजेय बनी हुई है, लेकिन उन कारणों में जो बात सबसे महत्वपूर्ण होगी वह है पिछले 20 सालों में गुजरात में किया गया अप्रतिम विकास।


पहले 13 साल नरेन्द्र मोदी, और बाद में उनके ही मार्गदर्शन में भारतीय जनता पार्टी के दूसरे शीर्षस्थ नेताओं ने गुजरात के विकास रथ को रुकने नहीं दिया बल्कि हर दिन-हर रात इसे और तेज गति प्रदान की। पिछले एक साल से गुजरात की बागडोर भूपेन्द्र पटेल के हाथ में थी। पिछले एक साल में उनकी सरकार द्वारा किए गए कार्यों और उनके नेतृत्व कुशलता पर जनता ने अपनी मुहर लगा दी है।
भूपेन्द्र पटेल की सरकार ने पिछले एक साल में एक बाद एक कई ऐसे बड़े और कड़े निर्णय लिए जिसने कोरोना के बाद गुजरात की धीमी पड़ी गति को एक नई ऊर्जा दी जिससे गुजरात एक बार फिर अपनी तेज़ गति से अपने विकास लक्ष्यों की प्राप्ति की ओर आगे निकल पड़ा।
पिछले एक साल की उपलब्धियों की बात करें तो भूपेन्द्र पटेल ने निवेश के क्षेत्र में, नीति निर्माण के क्षेत्र में, शिक्षा-स्वास्थ्य-कृषि के क्षेत्र में और इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर लगभग हर सेक्टर में सघनता और गहनता से योजनाएँ और परियोजनाओं को निरूपित किया है।
पॉलिसी स्टेट के रूप में पहचाने जाने वाले राज्य को भूपेन्द्र पटेल ने अपने कार्यकाल में एक से बढ़कर एक नई नीतियाँ दीं। सेमीकंडक्टर पॉलिसी, न्यू बायोटेक्नोलॉजी पॉलिसी, न्यू स्पोर्ट्स पॉलिसी, न्यू IT एंड ITeS पॉलिसी, और SSIP 2.0 ये कुछ उदाहरण हैं जिसने गुजरात को आगामी वर्षों में होने वाले विकास की रूपरेखा दी है।
पिछले एक साल में भूपेन्द्र पटेल ने यह प्रयास किया है कि राज्य व केन्द्र की मौजूदा योजनाओं, पहल और परियोजनाओं को उसके 100% सेचुरेशन तक ले जाया जाए। यही कारण है कि उन्होंने नल से जल अभियान को अपने लक्ष्य से पहले 100% पूरा कर लिया है और इसी प्रकार गुजरात का भरूच जिला देश के चुनिंदा जिलों में से एक बन गया है जहाँ केन्द्र-राज्य की कई योजनाएँ 100% पूरी की जा चुकी है।
इसी प्रकार गुजरात परंपरागत बिजली निर्माण से आगे बढ़ते हुए सौर ऊर्जा संचालित ईकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है। नरेन्द्र मोदी के मुख्यमंत्री काल में गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य बना था जिसने सबसे पहले सौर नीति लागू की थी और चारणका में सबसे पहला सोलर पार्क स्थापित किया गया था तो वहीं भूपेन्द्र पटेल के कार्यकाल में गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य बना है जहाँ गुजरात का मोढेरा अपनी ऊर्जा की ज़रूरतों के लिए पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित है। इस सेक्टर को बड़े परिप्रेक्ष्य में देखें तो 2002 में 99 मेगावॉट की तुलना में आज गुजरात में 16, 588 मेगावॉट बिजली का उत्पादन नवीकरणीय स्त्रोतों से हो रहा है।
स्वास्थ्य और शिक्षा भी भूपेन्द्र पटेल के लिए प्राथमिक सेक्टर्स रहे हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में पिछले एक साल में एक तरफ कई मेडिकल कॉलेज और नए अस्पतालों की नींव रखी गई तो वहीं दूसरी ओर विश्व स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ मिले, इसे भी सुनिश्चित किया गया। ग़रीब और मध्यम वर्ग के लोगों को रिकॉर्ड स्तर पर आयुष्मान कार्ड देकर उन्हें स्वास्थ्य का सुरक्षा कवच दिया गया। उल्लेखनीय है कि भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में ही गुजरात में विश्व का प्रथम “ग्लोबल सेंटर फ़ॉर ट्रेडिशनल मेडिसीन” का निर्माण किया जा रहा है।
शिक्षा का क्षेत्र एक ऐसा सेक्टर है जहाँ सामान्यतः माना जाता है कि एक साल में कोई बड़े बदलाव नहीं लाए जा सकते हैं। लेकिन गुजरात सरकार ने पिछले एक साल में शिक्षा क्षेत्र में कई बड़े फैसले लिए हैं जो आने वाले समय में इसे एक नया स्वरूप देगा। पिछले एक साल में गुजरात के एजुकेशन मॉडल में स्कूल ऑफ एक्सीलेंस के कॉन्सेप्ट की चर्चा सबसे अधिक रही है। गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य बना है जिसने स्कूल ऑफ एक्सीलेंस को लागू कर दिया है। इस पहल के तहत लगभग 10 हजार करोड़ रुपए की लागत से राज्य के हजारों विद्यालयों को स्मार्ट बनाया जा रहा है और शिक्षा से संबंधित अति आधुनिक सुविधाएँ की व्यवस्था बनाई जा रही है।
इसी क्रम में महिला सशक्तिकरण की बात करें तो महिलाओं का सामाजिक और आर्थिक विकास करना भूपेन्द्र पटेल सरकार की विशेषता रही है। उन्होंने हर स्तर पर हर वर्ग की महिला और बेटियों के विकास को प्राथमिकता दी है। गुजरात देश के उन चुनिंदा राज्यों में से हैं जहाँ महिलाएँ स्वयं को सबसे सुरक्षित महसूस करती हैं। गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने गर्भवती माताओं के स्वास्थ्य रिकॉर्ड को डिजिटल कर दिया है। राज्य में अब 99 प्रतिशत से अधिक प्रसव अस्पतालों में हो रहे हैं। 100 प्रतिशत नल से जल वाला राज्य बनने से सबसे अधिक लाभ महिलाओं को ही हुआ है। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 48.56 फीसदी महिलाओं को स्वास्थ्य उन्मुख लाभ मिला है। ‘मुख्यमंत्री मातृशक्ति योजना’ के अंतर्गत 1000 दिनों की अवधि के ‘फर्स्ट विंडो ऑफ अपॉर्चुनिटी’ का प्रभावी कार्यान्वयन किया गया है।
इसी क्रम में महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की बात करें तो गुजरात के साणंद, हालोल और जुनेद में विशेष महिला औद्योगिक पार्क (वुमन एंटरप्रिन्योरशिप पार्क) कार्यरत कर महिलाओं के लिए स्वरोजगार के नए द्वार खोले गए हैं। गुजरात यूनिवर्सिटी के स्टार्टअप इन्क्यूबेटर द्वारा शुरू किए गए ‘herSTART’ (हर स्टार्ट) में 150 से अधिक स्टार्टअप को सक्रिय रूप से समर्थन दिया गया है।

स्टार्टअप्स में किसी भी देश की अर्थव्यवस्था की दशा और दिशा बदलने की क्षमता होती है और गुजरात ने इस विचार को अंगीकार भी किया है। यह गुजरात के लिए गर्व की बात है कि आज गुजरात में देश में सबसे अधिक फंडेड स्टार्टअप मौजूद है जो आने वाले समय में न केवल गुजरात की अर्थव्यवस्था के लिए बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए गेम चेंजर साबित हो सकते हैं। यह उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के स्टेट्स स्टार्टअप रैंकिंग 2021 में गुजरात को बेस्ट परफॉर्मर स्टेट के रूप में पुरस्कृत किया गया है।
किसी भी राज्य के लिए हर बार राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकारोक्ति हासिल कर लेना कोई आसान कार्य नहीं है लेकिन भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात ने इसे भी कर दिखाया है। भारत सरकार के सबसे बड़े ‘थिंक टैंक’ नीति आयोग की 5 रिपोर्ट्स में गुजरात को शीर्ष स्थान दिया गया है। इसी प्रकार, गुजरात भारत सरकार की स्टार्टअप्स रैंकिंग और गुड गवर्नेंस रैंकिंग में पहला स्थान, ASI के सर्वे में पहला स्थान, ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस में बेस्ट परफॉर्मर स्टेट जैसी कई उपलब्धियाँ अपने नाम की हैं। राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित इन रिपोर्ट्स में पहला स्थान प्राप्त करना भूपेन्द्र पटेल की सही और दूरदर्शी नीतियों को प्रमाणित करती है।
उपरोक्त बातें मात्र कुछ उदाहरण हैं जो भूपेन्द्र पटेल द्वारा पिछले एक वर्ष में किए गए गुजरात के समग्र विकास की तस्वीर को प्रस्तुत करती हैं। इन्हीं विकास उन्मुख कार्यों और दूरदर्शी नीतियों के देखते हुए शायद गुजरात की जनता ने भूपेन्द्र पटेल को अपना प्यार और समर्थन दिया है। जनता को यह विश्वास है कि श्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और भूपेन्द्र पटेल की निष्ठा व कर्मठता के बदौलत गुजरात अपने विकास लक्ष्यों को न केवल समय पर पूरा करेगा बल्कि देश व दुनिया के समक्ष गुजरात को एक नए विकास मॉडल के रूप में भी प्रस्तुत करेगा।