अस्पताल से नवजात बच्चा चोरी होने के मामले में सर्वोच्च अदालत हुई सख्त, कहा सबसे पहले अस्पताल का लाइसेंस होगा सस्पेंड

✍️ योगेश राणा



Legal:देश की सर्वोच्च अदालत ने यूपी में बच्चों की तस्करी से जुड़े मामले में सुनवाई करते हुए 18 आरोपियों की ज़मानत खारिज करते हुए दिल्ली में बच्चों की तस्करी से जुड़ी गैंग की ख़बर का संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से इस बारे में रिपोर्ट तलब की है और कोर्ट ने कहा है कि अगर किसी नवजात बच्चे को हॉस्पिटल से चुराया जाता है तो सबसे पहले काम यह होना चाहिए कि उस अस्पताल का लाइसेंस सस्पेंड होना चाहिए।

बच्चा तस्करी से जुड़े विभिन्न मामलों पर सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए विस्तृत दिशा निर्देश!

कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा है कि दिल्ली के अंदर और बाहर इस तरह के गैंग से निपटने के लिए उसकी ओर से क्या कदम उठाये जा रहे हैं और कोर्ट ने देश के सभी हाई कोर्ट से कहा है कि वो निचली अदालतों को बच्चों की तस्करी से जुड़े मामलों में 6 महीने में ट्रायल पूरा करने को कहे। ऐसे मामलों की ट्रायल कोर्ट में रोज़ाना ( day to day trial) हो और कोर्ट ने साफ किया कि इन दिशानिर्देश के अमल में किसी भी तरह की लापरवाही गम्भीरता से ली जाएगी और इसे कोर्ट की अवमानना माना जाएगा और और उत्तर प्रदेश से जुड़े जिस मामले में सुनवाई हो रही थी उनमें 18 केस में 13 आरोपी थे। इनमे बच्चों की खरीद फ़रोख़्त से जुड़े गैंग के अलावा, दो नर्स और बच्चे को खरीदने वाले निसंतान दम्पति शामिल थे।