Noida : राष्ट्र की समृद्धि व मानव कल्याण के लिए ‘श्री विष्णु महायज्ञ’ के साथ श्रीमद भागवत कथा संपन्न



:- पूरी दुनिया में एक मिशाल है श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता: स्वामी चिन्मयानंद बापू


नोएडा : महर्षि आश्रम, सेक्टर-110, नोएडा, स्थित रामलीला मैदान में ब्रह्मलीन परम पूज्य महर्षि महेश योगी जी की दिव्य और मंगल प्रेरणा से राष्ट्र की समृद्धि, शांति और विकास के लिए आयोजित ‘श्री विष्णु महायज्ञ’ के साथ श्रीमद् भागवत कथा संपन्न हुआ। यह कार्यक्रम पिछले दस नवंबर से आयोजित होकर सोलह नवंबर तक अनवरत चला।
कार्यक्रम के सातवें और अंतिम दिन भक्तों को कथा का रसपान कराते हुए परमपूज्य स्वामी चिन्मयानंद बापू जी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता की मिशाल पूरी दुनिया में दी जाती है । यह कथा समाज के लोगों को सच्ची मित्रता करना सिखाती है। रामलीला मैदान, महर्षि नगर, नोएडा में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के सातवें और अंतिम दिन परम पूज्य संत श्री चिन्मयानंद बापू जी ने कहा कि विवाह के पश्चात भगवान श्री कृष्ण ने द्वारका में अनेक लीलायें की। साथ ही साथ भक्तों पर अपनी अनेक तरह के कृपा भी बरसाएं।

स्वामी चिन्मयानंद बापू जी ने कहा


बापूजी ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण के प्रिय मित्र सुदामा जो कि अत्यधिक निर्धन थे, लेकिन श्री कृष्ण जी के नाम का बहुत सारा धन उनके पास था। कभी किसी के पास उन्होंने जाकर किसी भी प्रकार की याचना नहीं की। सुदामा और सुशीला के बीच के वार्तालाप को सुनाते हुए स्वामी चिन्मयानंद बापू जी ने कहा कि एक बार सुशीला ने कहा कि श्री कृष्ण आपके मित्र है। आप एक बार उनके दर्शन करें। इसके बाद सुदामा द्वारका जाने के लिए तैयार हुए। उसके बाद श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता पूरी दुनिया के लिए एक मिशाल बन गई।
उनके इसी स्वभाव से प्रसन्न होकर भगवान ने उनको धरती और स्वर्ग में रहने वाले राजाओं को जो सुख मिलता है, वह सुख प्रदान किया। भगवान के बचपन के मित्र सुदामा पर कृपा करके भगवान ने मानो यह संदेश दिया की, मित्र के दुख को देखकर अपने पहाड़ जैसे दुख को भी भूल कर मित्र की सहायता करना ही सच्ची मित्रता है। मित्रता वह नहीं है, जो हमें गलत आदतों में डालें, बुरी संगत में डालें। इसलिए मित्र भी बनाओ तो बड़े ही सोच – समझकर बनाओं। जो आपको उन्नति और सुपथ का मार्ग दिखाएं, वही सच्चा मित्र है।
कथा के माध्यम से परीक्षित मोक्ष के बारे में बताते हुए स्वामी चिन्मयानन्द जी ने कहां कि सात दिनों तक कथा सुनने के बाद जब सुखदेव जी द्वारा परीक्षित से पूछा गया कि यदि तुम्हें तक्षक नाग डसेगा तो, क्या तुम मरोगे? तब राजा परीक्षित ने कहा कि हे भगवान मैं तो श्रीमद् भागवत कथा सुन के मुक्त हो गया हूं। अब तो यह शरीर जो नश्वर है, वही नष्ट होगा। मैं तो भगवान श्री कृष्ण की कथा सुनकर स्वतः ही मुक्त हो गया हूं। बाद में राजा परीक्षित के मोक्ष की कथा सुनाते हुए भागवत कथा को विराम दिया। इस तरह से श्रीमद भागवत कथा आज संपन्न हुआ। बापूजी के सात दिनों के सानिध्य पाने के बाद समस्त आयोजन समिति और श्रद्धालु भक्त भाव विभोर थे। पूरा पंडाल श्रोताओं से भरा हुआ था। भक्तों की नम आंखों से बापू को भाव-भीनी विदाई सभी ने समर्पित की।
इस पावन-पवित्र कार्यक्रम श्री विष्णु महायज्ञ और श्रीमद्भागवत कथा के प्रणेता ए के लाल मीडिया को – ऑर्डिनेटर ने बताया श्री अजय प्रकाश श्रीवास्तव- अध्यक्ष, महर्षि महेश योगी संस्थान, एवं कुलधिपति, महर्षि यूनिवर्सिटी ऑफ़ इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी, श्री राहुल भारद्वाज- उपाध्यक्ष, महर्षि महेश योगी संस्थान, श्री पंकज शर्मा – सह संरक्षक, आयोजन समिति, श्री मनीष अग्रवाल, आईजी, पुलिस विभाग, माननीय सिनोद शाक्य, विधायक, बदायूँ, श्री विभूति नारायण, प्रदेश उपाध्यक्ष (निषाद पार्टी), श्री अखिलेश सिंह, श्री यादवेंद्र सिंह, श्री शिशुपाल सिंह, श्री एस. पी. गर्ग, श्री यल. यस. सिंह, श्री लक्ष्मीकांत दुबे, श्री शिशिरकान्त श्रीवास्तव, श्री विनोद दीक्षित, श्री लल्लन पाठक, श्रीकांत ओझा, श्री विनीत श्रीवास्तव, श्री विनोद श्रीवास्तव, श्री धर्मेंद्र श्रीवास्तव, श्री दयाशंकर गुप्ता, श्रीमन नारायण, श्री राजेंद्र शुक्ला, श्री राजेंद्र खंतवाल, श्री कमलेश यादव, श्री शशिभूषण यादव, श्री संतोष वर्मा, श्री बाल किशुन पुरवार, श्री शतवीर यादव, श्री सचिन यादव, श्री मुखिया यादव, श्री शम्भू शरण गुप्ता, श्री शिवम् यादव, श्री गिरीश अग्निहोत्री, श्री रामेन्द्र सचान- संयोजक, आयोजन समिति, एवं महर्षि परिवार के सैकड़ों श्रद्धालु और क्षेत्रवासियों की मंगल उपस्थिति कथा के विराम तक बैठ कर कथा श्रवण कर लाभान्वित हुए।