Noida :- नोएडा की 114 जर्जर बिल्डिंग पर अभी तक कोई कार्यवाही नहीं


:- प्राधिकरण सर्वे कर भूला, मकान ठीक हुए या नहीं अभी तक चेक भी नहीं किया

:- हो सकता है हादसा


नोएडा :- नोएडा प्राधिकरण ने शहर में जर्जर और असुरक्षित इमारतों के लिए एक सर्वे किया था। सर्वे तीन श्रेणी में किया गया। जिसमें कुल 1757 इमारतों को चिन्हित किया गया। ये वो इमारतें है जो कभी भी हादसे का सबब बन सकती है। सर्वे रिपोर्ट प्राधिकरण के अलमारियों में धूल फांक रही है।

सिर्फ  नोटिस चस्पा कर प्राधिकरण इस सर्वे को भूल गया

नोएडा प्राधिकरण ने 2020 में शहर में जर्जर इमारतों के लिए एक सर्वे कराया। शहर में चार श्रेणियों में जर्जर इमारतों का सर्वे कराया था। इसमें कुल 1757 इमारतों को चिन्हित किया गया। इसमें 114 इमारतें ऐसी थी जिनकों ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए था। लेकिन अब तक किसी भी इमारत को ध्वस्त नहीं किया गया। इसमें पहला असुरक्षित व जर्जर, दूसरा अधिसूचित व अर्जित भवन पर अवैध कब्जा, तीसरा अधिसूचित व अनर्जित जमीन पर बनी इमारत व चौथा ग्राम की मूल आबादी में बनी बहुमंजिला इमारतों को शामिल किया गया था। सर्वे के परिणाम चौंकाने वाले थे। पहली श्रेणी में कुल 56 जर्जर व असुरक्षित इमारत थी। शहर के गांवों के अलावा कई स्थानों पर सैकड़ों इमारतों को अवैध जर्जर करार देकर नोटिस जारी किए थे। इसमें सर्वाधिक इमारतें हिंडन विहार व गढ़ी चौखंडी गांव की थी। यहां धड़ल्ले से अवैध निर्माण किया जा रहा था। यहां बनाई गई इमारतें सात.आठ मंजिला तक है। विगत वर्ष इनका निर्माण कार्य रुकवाया गया साथ ही नोटिस जारी कर ध्वस्तीकरण के निर्देश दिए गए। लेकिन अब तक इमारतों को गिराया नहीं जा सका। इसी तरह के नोटिस हरौला और निठारी में भी जारी किए गए। प्राधिकरण ने गांव की मूल आबादी में तीन मंजिला से अधिक 1326 इमारतों को चिन्हित किया था। इन सभी इमारतों का सत्यापन कराया जा रहा था। कागजी तौर पर यह देखा जा रहा था कि जिस जमीन पर इनका निर्माण किया गया है वह प्राधिकरण अधिसूचित जमीन है या नहीं। अब तक इन इमारतों का सत्यापन का कार्य पूर्ण नहीं किया जा सका है।