:- सीएम योगी ने राष्ट्रीय नायकों के सम्मान पर जोर दिया
गौतमबुद्ध नगर :- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को गौतमबुद्ध नगर जिले के एनटीपीसी प्रांगण में महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण किया। यह कार्यक्रम साठा चौरासी क्षेत्र के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है, क्योंकि वे लंबे समय से इस प्रतिमा की स्थापना की मांग कर रहे थे। इस अवसर पर सीएम योगी ने महाराणा प्रताप को राष्ट्रीय नायक बताया और उनकी वीरता को याद किया। साथ ही, इस मौके पर कई विकास परियोजनाओं का भी शुभारंभ किया गया।
कार्यक्रम में संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय नायकों के सम्मान के बिना वर्तमान पीढ़ी आगे नहीं बढ़ सकती। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज जैसे वीर योद्धा ही राष्ट्र के असली नायक हैं, न कि अकबर या औरंगजेब। उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे महान व्यक्तित्वों का सम्मान करना हमारी संस्कृति और इतिहास की रक्षा के लिए आवश्यक है।
स्थानीय लोगों ने जताई खुशी
साठा चौरासी क्षेत्र के लोगों ने महाराणा प्रताप की प्रतिमा के अनावरण पर खुशी जाहिर की। इस प्रतिमा की स्थापना के लिए स्थानीय लोग लंबे समय से प्रयास कर रहे थे। एनटीपीसी प्रांगण में इस प्रतिमा के लगने से लोगों में उत्साह की लहर है। राजपूत समाज ने भी इस कदम का स्वागत किया है और सीएम योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने किया कई विकास परियोजनाओं का शुभारंभ
इस अवसर पर सीएम योगी ने कई विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण भी किया। साथ ही, औद्योगिक इकाइयों को प्रोत्साहन राशि का वितरण किया गया। यह कार्यक्रम न केवल ऐतिहासिक महत्व रखता है, बल्कि क्षेत्र के विकास के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
लोगों ने योगी आदित्यनाथ की प्रशंसा
स्थानीय लोगों ने कहा कि महाराणा प्रताप की प्रतिमा का अनावरण सिर्फ योगी आदित्यनाथ के कारण ही संभव हो पाया। उन्होंने कहा कि 2027 में भी वे चाहते हैं कि योगी आदित्यनाथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बनें। युवाओं ने भी सीएम योगी की जमकर तारीफ की और उनके नेतृत्व की सराहना की।
महाराणा प्रताप ने केवल राजपूतों के लिए नहीं बल्कि हिंदुओं के लिए संघर्ष किया : मुख्यमंत्री योगी
महाराणा प्रताप को हिंदू हृदय सम्राट के रूप में याद किया जाता है। उन्होंने न केवल राजपूतों, बल्कि सभी हिंदुओं के लिए संघर्ष किया। उनकी वीरता और दृढ़ संकल्प ने उन्हें भारतीय इतिहास में एक अमर स्थान दिलाया है। इस प्रतिमा के माध्यम से उनके योगदान को और अधिक सम्मान मिलेगा।