दादरी।
जीटी रोड स्थित विश्वेश्वरैया कॉलेज ऑफ़ लॉ में संस्थान के लेटर हेड पर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र तैयार कर संस्थान सचिव के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर गलत एवं गैरकानूनी प्रयोग किया गया । इस मामले में न्यायालय के आदेश पर प्राचार्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है । पुलिस मामले की जांच में लगी है । पुलिस ने बताया कि कोतवाली दादरी क्षेत्र के जीटी रोड पर विशवेशवरैया कॉलेज आफ लॉ है । यहां पर डॉक्टर अमित कुमार मोदी संस्थान के कुलसचिव पद पर कार्यरत हैं । बुलंदशहर के आवास विकास कॉलोनी निवासी डॉ मनोज मलिक बतौर प्राचार्य ज्वाइन किया था । उनके पास संस्थान के लेटर हेड मोहर आदि विश्वविद्यालय एवं उससे जुड़े अन्य आधिकारिक कार्यों के लिए हमेशा प्रयोग में उपलब्ध रहते थे । संस्थान में नौकरी के दौरान डॉक्टर मनोज मलिक ने गोरखपुर की दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में गोपनीय तरीके से एप्लाई किया । और वहां पर उनका चयन हो गया । डॉक्टर मनोज मलिक ने दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में अपना चयन होने के उपरांत अनुभव प्रमाण पत्र दाखिल किया । जब अनुभव प्रमाण पत्र की जांच संस्थान में आई तो कॉलेज स्टाफ दंग रह गया । संस्थान सचिव एसके जिंदल ने ऐसा कोई भी प्रमाण पत्र हस्ताक्षर से जारी करने से मना कर दिया । आरोप है कि संस्थान के सचिव के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र तैयार किया गया । तथा उसका गलत एवं गैर कानूनी प्रयोग कर संस्थान के साथ धोखाधड़ी की है । इस मामले की शिकायत स्पीड पोस्ट के माध्यम से पुलिस आयुक्त से की गई । लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई । धोखाधड़ी को लेकर न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया । न्यायालय के आदेश पर डॉक्टर मनोज मलिक के खिलाफ कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है । पुलिस मामले की जांच में लगी है ।