लखनऊ ।
प्रदेश के गौ पालकों की आय बढ़ाने, आत्मनिर्भर बनाने एवं स्वदेशी नस्ल की गायों के प्रति उनका रुझान बढ़ाने के लिए योगी सरकार ने नन्द बाबा दुग्ध मिशन के तहत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना शुरू की है। इसको लेकर शासन ने शुक्रवार को शासनादेश जारी कर दिया है। शासनादेश में योजना से संबंधिति पात्रता, सब्सिडी के मानक, योजना का उद्देश्य और स्वरूप को स्पष्ट किया गया है। इसके अनुसार गौ पालक द्वारा दूसरे प्रदेशों से साहिवाल, थारपारकर, गिर एंव संकर प्रजाति की गाय खरीदने पर उन्हे ट्रांसर्पोटेशन, ट्रांजिट इंश्योरेंस एवं पशु इंश्योरेंस समेत अन्य मदों पर खर्च होने वाली धनराशि पर सब्सिडी दी जाएगी। यह सब्सिडी गौ पालकों को अधिकतम दो स्वदेशी नस्ल की गायों की खरीद पर मिलेगी। यह सब्सिडी गौ पालकों को कुल व्यय धनराशि का 40 प्रतिशत यानी 80 हजार रुपये तक दी जाएगी। पहले चरण में यह योजना प्रदेश के 18 मंडल मुख्यालय के जनपदों में लागू की जाएगी। इसके बाद इसे प्रदेश के सभी जनपदों में लागू किया जाएगा।
अपर मुख्य सचिव पशुपालन डॉ. रजनीश दुबे ने बताया कि नन्द बाबा मिशन के तहत मुख्यमंत्री स्वदेशी गौ संवर्धन योजना का उद्देश्य प्रदेश में स्वदेशी उन्नत नस्ल की गायों की संख्या और नस्ल को बढ़ाना है ताकि प्रदेश में दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि कर प्रदेश दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बना रहे। साथ ही प्रदेश के ग्रामीण अंचलों के युवाओं और महिलाओं को पशुपालन के व्यवसाय के लिए प्राेत्साहित करते हुए उन्हे रोजगार उपलब्ध कराना है। इसके अलावा योजना का उद्देश्य प्रदेश में प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता में वृद्धि कर राष्ट्रीय औसत दुग्ध उपलब्धता के स्तर पर लाना है। दुग्ध आयुक्त एवं मिशन निदेशक शशि भूषण लाल सुशील ने बताया कि योजना का लाभ उठाने के लिए गौ पालक को दूसरे प्रदेश से स्वदेशी उन्नत नस्ल की गाय खरीदना अनिवार्य है। इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी की ओर से लाभार्थी को दूसरे प्रदेश से स्वदेशी नस्ल की गाय खरीदने के लिए एक अनुमति पत्र जारी किया जाएगा ताकि उसे गायों के परिवहन में किसी प्रकार की समस्या न हो। वहीं इन गायों का 3 वर्षों का पशु बीमा एकमुश्त कराया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही उन्हे दूसरे प्रदेश से अपने प्रदेश में लाने के लिए ट्रांजिट बीमा भी कराना अनिवार्य है।