:- डेयरी सेक्टर, दुनियाभर के करोड़ों लोगों की आजीविका का साधन : पीएम मोदी
:- भारत के डेयरी सेक्टर में 70 फीसदी महिलाओं का प्रतिनिधित्व, असली ताकत छोटे किसान
नोएडा :- विश्व डेयरी समिट का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार देश की महिलाएं हैं। भारत के डेयरी कोऑपरेटिव में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं। उन्होंने कहा कि डेयरी सेक्टर देश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। साल, 2014 में भारत में 146 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता था। अब ये बढक़र 210 मिलियन टन तक पहुंच गया है। बीते आठ वर्षों में इसमें करीब 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व के विकसित देशों से अलग, भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं। आज भारत में डेयरी कोऑपरेटिव का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है। डेयरी सेक्टर की क्षमता न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देता है, बल्कि ये दुनियाभर में करोड़ों लोगों की आजीविका का प्रमुख साधन भी है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत, डेयरी पशुओं का सबसे बड़ा डेटाबेस तैयार कर रहा है। डेयरी सेक्टर से जुड़े हर पशु की टैगिंग हो रही है। आधुनिक टेक्नोलॉजी की मदद से हम पशुओं की बायोमीट्रिक पहचान कर रहे हैं। हमने इसे पशु आधार नाम दिया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 के बाद से हमारी सरकार ने भारत के डेयरी सेक्टर के सामथ्र्य को बढ़ाने के लिए निरंतर काम किया है। आज इसका परिणाम मिल्क प्रोडक्शन से लेकर किसानों की बढ़ी आय में भी नजर आ रहा है। भारत के डेयरी सेक्टर में मातृशक्ति का 70 प्रतिशत वर्कफ ोर्स का प्रतिनिधित्व करती है। भारत के डेयरी सेक्टर की असली कर्णधार यही महिलाएं हैं। भारत के डेयरी कोऑपरेटिव में भी एक तिहाई से ज्यादा सदस्य महिलाएं ही हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज भारत में डेयरी कोऑपरेटिव का ऐसा विशाल नेटवर्क है, जिसकी मिसाल पूरी दुनिया में मिलना मुश्किल है। ये डेयरी कोऑपरेटिव देश के दो लाख से ज्यादा गांवों में, करीब.करीब दो करोड़ किसानों से दिन में दो बार दूध जमा करती हैं और उसे ग्राहकों तक पहुंचाती हैं।
कई राज्यों में लंपी बीमारी से नुकसान हुआ, 2025 तक हर पशु का वैक्सीनेशन होगा
अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा की पिछले कुछ समय में भारत के अनेक राज्यों में लंपी नाम की बीमारी से पशुओं का नुकसान हुआ है। राज्य सरकारों के साथ मिलकर केंद्र सरकार इसे कंट्रोल करने की कोशिश कर रही है। हमारे वैज्ञानिकों ने लंपी रोग की स्वदेशी वैक्सीन भी तैयार कर ली है। भारत में हम पशुओं के यूनिवर्सल वैक्सीनेशन पर भी जोर दे रहे हैं। उन्होंने कहा हमने संकल्प लिया है कि 2025 तक हम शत प्रतिशत पशुओं को फुट एंड माउथ डिजीज और ब्रुसेलोसिस की वैक्सीन लगाएंगे। हम इस दशक के अंत तक इन बीमारियों से पूरी तरह से मुक्ति का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं। समिट में 50 देशों के डेलिगेट्स, 800 किसानों समेत करीब 1500 प्रतिनिधि शामिल हुए।
विदेशियों को गुजरात की बन्नी भैंस की खासियत बताई
पीएम मोदी ने कहा, हमारे पास भैंस और गायों की जो नस्ल है, वह कठिन समय में भी खुद को ढालती है। गुजरात की बन्नी भैंस रात के कम तापमान में घास चरने के लिए निकलती है। क्योंकि गुजरात में दिन में भयंकर धूप होती है। विदेश से आए मेहमान यह सुनकर चौंक जाएंगे कि रात में भैंस के साथ उनका पशुपालक नहीं होता है। ये बन्नी भैंस 15 किमी दूर चरते हुए निकल जाती हैं। सुबह होते ही वह घर पहुंच जाती हैं। हमने सिर्फ बन्नी का उदाहरण दिया है। ये भैंसें अपने ही घर लौटती हैं, दूसरे के घर नहीं जाती हैं। आज तक यह नहीं सुनने को मिला है कि किसी की बन्नी भैंस खो गई है। दूध से सैकड़ों तरह की मिठाइयां बनती हैं। इसमें 61 वे मिठाइयां हैं, जो देश के विभिन्न राज्यों में सबसे फेमस हैं। वल्र्ड डेयरी समिट में इन 61 मिठाइयों को मिठाई मैप ऑफ इंडिया नामक होर्डिंग्स पर प्रदर्शित किया गया है। उत्तर प्रदेश की प्रमुख मिठाई के रूप में घेवर और गाजर के हलवे को इसमें शामिल किया गया है।