जिसका किया अंतिम संस्कार , 7 दिन बाद अचानक मिला जीवित


देहरादून।

अपने अंतिम संस्कार के सातवें दिन मृतक मिला जिंदा कुछ ऐसा ही वाकया हुआ है उत्तराखंड की सीमांत विधानसभा खटीमा के ग्रामीण क्षेत्र श्रीपुर बिचुवा के रहने वाले नवीन भट्ट के साथ जो कि बीते डेढ़ साल से अपने घर से लापता थे। 7 दिन पूर्व नवीन के पिता धर्मानंद भट्ट को सूचना मिली कि उनके पुत्र नवीन भट्ट की डेड बॉडी सुशीला तिवारी अस्पताल में है। खबर को सुनकर परिवार में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में परिजन हल्द्वानी स्थित सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचकर नवीन की डेड बॉडी को घर ले आए और पूरे विधि विधान से नवीन का अंतिम संस्कार कर दिया गया। नवीन का एक भाई जो की रुद्रपुर में दुकान चलाता था को संस्कार के सातवें दिन उसके एक के परिचित के द्वारा नवीन के जिंदा होने की सूचना प्राप्त होने पर घर वालों के होश उड़ गए। घर वालों ने वीडियो कॉल के जरिए जब नवीन से बात करी और उसको जिंदा देखा तो फौरन ही नवीन को लेने के लिए कुछ परिजन रुद्रपुर रवाना हो गए और नवीन को लेकर उसके घर श्रीपुर बिचुवा पहुंचे। नवीन को अपनी आंखों के सामने जिंदा देखकर सभी परिवारजन एवं ग्रामीण अचम्भे में पड़ गए। नवीन को जिंदा देखकर उसके बूढ़े माता-पिता एक तरफ तो खुश हो रहे हैं की उनका पुत्र जिंदा है परंतु उन्हें इस बात का अफसोस भी हो रहा है कि किस्मत में उनके साथ कैसा मजाक किया। वहीं नवीन का कहना है कि वह लंबे समय से परिवार से दूर रह रहा था और रुद्रपुर के एक होटल में काम कर रहा था। उसको होटल में आने वाले कुछ लोगों से यह सूचना मिली थी कि तेरी तो मौत हो चुकी है। परंतु उसने इस बात को मजाक समझा पर जब नवीन के भाई के परिचित ने घर से फोन पर बात करवाई और वीडियो कॉलिंग में नवीन ने घर में उसका अंतिम संस्कार होते हुए देखा तो उसके होश ही उड़ गए। वहीं दूसरी तरफ नवीन के परिजनों का कहना है कि उनका पुत्र जीवित है इस बात की तो उन्हें खुशी है। परंतु उस दूसरे व्यक्ति के लिए भी उनके दिल में हमदर्दी है।